आज कल अनाज की खेती में किसान पेड़ नहीं रखते हैं ,खेतों को हर मौसम गहरा जोता जाता है इस कारण मौसम स्थिर नहीं है सूखा ,बाढ़ ,बे मौसम बरसात ओले की समस्या रहती है। खेत मरुस्थल में तब्दील हो रहे हैं। किसान आत्म हत्या कर रहे हैं। सरकार बेहद परेशान है वह भूख हड़ताल पर है। मप. में इस साल बरसात सामान्य से अधिक होने के कारण फसल फेल हो गयी और अब ठण्ड की फसल बे मौसम बरसात और ओले के कारण फेल हो गयी है. ये गेंहूं की फसल है जिसे बिना-जुताई ,बिना-खाद ,बिना-दवाई के मात्र बीजों को खेत मे बीजों को सीधा फेंककर उगाया गया है। इसमें गेंहूं का उत्पादन सामान्य रहता है किन्तु लागत में 60 प्रतिशत की कमी रहती है. गेंहूं का भाव चार से आठ तक गुना अधिक मिलता है. |
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