Tuesday, March 11, 2014

जो थोड़ी फसल बची थी, वह भी तबाह

11march 2014. Dainik bhaskar Hoshangabad.

जो थोड़ी फसल बची थी, वह भी तबाह

आज भी बारिश-ओले गिरने की संभावना
मौसम विभाग ने मंगलवार को भी गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि भी हो सकती है। 
प्रशासन ने कहा- ऐसी ओलावृष्टि नहीं देखी
सिरोंज के एसडीएम राकेश शर्मा कहते हैं- मैंने अपनी जिंदगी में ऐसी ओलावृष्टि नहीं देखी। जिन गांवों में ओलावृष्टि हुई हैं वहां सौ फीसदी नुकसान हुआ है। कुछ मवेशी भी मारे गए हैं। नुकसान का शीघ्र सर्वे कराया जाएगा। 
असर : गेहूं और चने के दाम बढऩे लगे
बेमौसम बारिश और ओलों के कारण फसल तबाह होने के बाद गेहूं-चने के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं। मंडियों में लोकमन गेहूं के दाम पिछले एक हफ्ते में करीब 250 रु. की तेजी के साथ 1700-1900 रु. प्रति क्विंटल हो गए, जबकि चना 200-250 रु. तेज होकर 2700-2900 रु. पर पहुंच गया। जानकार मान रहे हैं कि अगले 8-10 दिनों में गेहूं में 100 रु. और चने में 300 रु. क्विंटल की तेजी आ सकती है। 
नगर संवाददातात्नभोपाल. पिछले महीने ओलावृष्टि की मार झेल चुके किसानों पर सोमवार को फिर आफत बरसी। पूरे अंचल में ओले गिरने से बची-खुची फसल भी तबाह हो गई। इस दौरान विदिशा, गुना, बैतूल, राजगढ़, सागर और दमोह जिले के कई इलाकों में ओलावृष्टि हुई। सबसे ज्यादा नुकसान विदिशा जिले के सिरोंज में हुआ। सरकार के अनुमान के अनुसार, 51 जिलों में 30 लाख हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में फसलों का नुकसान हुआ है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार लगभग 10 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। सरकार मंगलवार को नुकसान का मेमोरेंडम तैयार कर केंद्र सरकार को भेजेगी।
(किसी को नहीं चिंता, कैसे जल रहा उनके घर का चूल्हात्नपेज ४)
बैतूल के भोगीतेड़ा गांव में सड़क से खेतों तक ओले ही ओले 



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