बैंक मैनेजर के लोन के खेल में फंसे किसान, 4 ने की खुदकुशी
मनोज कुमार [Edited By: स्वपनल सोनल] 23 फरवरी 2014 | अपडेटेड: 23:16 IST
गाजियाबाद पुलिस ने फ्रॉड के एक ऐसे मामले का खुलासा किया है जिसके कारण अब तक 4 किसानों ने खुदकुशी कर ली है. इतना ही नहीं कई अन्य इस वजह से खेत-खलियान और घर बेच गांव छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं. किसानों के साथ फ्रॉड का यह खेल किसी ऐरे-गैरे ने नहीं बल्कि सिंडिकेट बैंक के एक ब्रांच मैनेजर ने खेला, जो फिलहाल गाजियाबाद की क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में है.
एक ओर जहां सरकार किसानों के लिए अधिक से अधिक सुविधाजनक लोन स्किम लेकर आ रही है, वहीं बैंक मैनेजर ललित कुमार सिंघल ने इसे किसानों के लिए जी का जंजाल बना दिया. ललित कुमार पर आरोप है कि उसने 200 किसानों के नाम फर्जी तरीके से बैंक लोन पास किया और इस तरह कुल 4 करोड़ रुपये का घोटाला किया. अपने दो साथियों के साथ मिलकर ललित कुमार ने किसानों के नाम और पते पर झूठे कागजात तैयार किए और वैसे लोन पास किए जो कभी किसानों को मिले ही नहीं.
...और आने लगे रिकवरी नोटिस
जानकारी के मुताबिक, बैंक मैनेजर और उसके दो साथी आनंद सिंघल और सतवीर सिंह ने फर्जी तरीके से किसानों के नाम लोन पास किए. इनमें आनंद सिंह लोन की उन फाईलो में बैंक गारंटर था और सतवीर बैंक का लीगल एडवायजर.
जानकारी के मुताबिक, बैंक मैनेजर और उसके दो साथी आनंद सिंघल और सतवीर सिंह ने फर्जी तरीके से किसानों के नाम लोन पास किए. इनमें आनंद सिंह लोन की उन फाईलो में बैंक गारंटर था और सतवीर बैंक का लीगल एडवायजर.
एक पीड़ित किसान ने बताया कि हम में से किसी को भी लोन की कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन जब बैंक से बार-बार रिकवरी नोटिस आने लगा तो समस्या बढ़ने लगी. कई किसानों ने तो परेशान होकर खुदकुशी कर ली. जबकि कई गांव छोड़कर चले गए.
जमीन, ट्यूबवेल और मवेशी के लिए लोन
गाजियाबाद के सिटी एसपी शिव हरि मीना ने बताया कि फर्जीवाड़े के इस खेल में ललित कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर किसानों के नाम पर उनकी जमीन, ट्यूबवेल और भैंस-गाय के लिए लोन पास किया. इनमें से आनद सिंघल ने अक्टूबर 2013 में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था जबकि सतवीर सिंह की हार्ट अटैक में मौत हो चुकी है. घोटाले का यह मुकदमा 2010 में भोजपुर थाने में दर्ज हुआ था. 2013 से क्राइम ब्रांच इस घोटाले की जांच कर रही है.
गाजियाबाद के सिटी एसपी शिव हरि मीना ने बताया कि फर्जीवाड़े के इस खेल में ललित कुमार ने अपने साथियों के साथ मिलकर किसानों के नाम पर उनकी जमीन, ट्यूबवेल और भैंस-गाय के लिए लोन पास किया. इनमें से आनद सिंघल ने अक्टूबर 2013 में कोर्ट में सरेंडर कर दिया था जबकि सतवीर सिंह की हार्ट अटैक में मौत हो चुकी है. घोटाले का यह मुकदमा 2010 में भोजपुर थाने में दर्ज हुआ था. 2013 से क्राइम ब्रांच इस घोटाले की जांच कर रही है.
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