Tuesday, March 11, 2014

किसी को चिंता नहीं है किसानो की 





1 comment:

Unknown said...

मै रोटी खाता हूँ मेरा ये फ़र्ज़ है कि मै पता करूं कि रोटी केसे पैदा होती है रोटी खाने से पहले हम भगवान् से प्रार्थना करते हैं कि भगवान् इस अन्नदाता का ख़याल रख किन्तु हमारे लिए इस से से अधिक शर्म बात क्या हो सकती है कि अन्नदाता आत्म हत्या कर रहा है. इस लिए मेने लिखा है कि किसी को इस की चिंता नहीं है. प्रदेश की सरकार केंद्र की सरकार को दोष दे रही है केंद्र की सरकार प्रदेश को दोषी बता रही है. ये कुदरत का कहर नहीं है ये मेरी आपकी गैर पर्यावरणीय संरक्षण की नीति का परिणाम है.