Friday, February 28, 2014

किसानो की आत्म हत्या रोकें ऋषि-खेती अपनाएं!



मरुस्थल में तब्दील होते मप. के खेत 

ऋषि-खेती से पुन: जीवित करें !

जुताई नहीं। खाद नहीं। दवाई नहीं। निंदाई नहीं। 

 अभी ये खबर मप. के जन जन तक पहुँच ही नहीं पायी है कि मप. को भारत सरकार ने माननीय रास्ट्रपतिजी के हाथों किसान कर्मण पुरस्कार दिया है और किसानो की आत्म हत्या का दौर शुरू हो गया है. किसान कर्मण पुरस्कार मप. को अनाज के उत्पादन को बढ़ाने के लिए दिया गया है और किसान इस लिए आत्म हत्या कर रहे हैं कि दो मौसमो से वे अनाज का दाना उठाने में असफल रहे हैं.

ये कहानी है मप. में चल रही आधुनिक वैज्ञानिक खेती की है जिस की शुरुवाद कांग्रेस सरकार ने की थी और जिसे भाजपा सरकार आगे बढ़ा रही है. बरसात के मौसम में ये कहा जा रहा था कि बहुत अधिक बरसात होने के कारण फसलें बैठ गयीं और अब कहा जा रहा है कि बे मौसम बरसात होने और ओले पड़ने से फसलें खराब हो रही हैं इस लिए किसान आत्म हत्या करने लगे हैं.

किन्तु हकीकत कुछ और ही है असल में कुल मिलाकर जमीन की गहरी जुताई और रसायनो के बल पर की जाने वाली खेती से खेत मरुस्थल में तब्दील हो रहे हैं. खेतों की उर्वराशक्ति और जलधारण शक्ती ख़तम हो गयी है. इस लिए मरू खेतों में जरा सा भी मौसम का उतार चढ़ाव आता है फसलें बैठ जाती हैं. इस खेती में जुताई ,खाद ,दवाइयों और सिंचाई की लागत  इतनी अधिक रहती है कि थोड़ी भी फसल में कमी आयी कि किसान घाटे में चला जाता है. वह आत्म हत्या पर उतारू हो जाता है या खेती छोड़कर शहरों में भटकने लगता है.

हम पिछले २७ सालों से बिना जुताई की कुदरती खेती को ऋषि खेती के नाम से कर रहे हैं. इस खेती में जमीन की जुताई ,खाद और दवाओं की कोई जरुरत नहीं रहती है. इस खेती से खेत उपजाऊ और पानीदार बन जाते है उनमे बीमारियों , मौसम परिवर्तन, खरपतवारों की समस्या का कोई प्रभाव नहीं रहता है.

पिछले साल हमारे खेतों में भी भयंकर बाढ़ का प्रकोप रहा और इस साल ठण्ड में तेज पानी और ओलों का भी प्रभाव रहने के बावजूद हम सुरक्षित हैं.इस का मूल कारण लागत ,श्रम ,और सिचाई में 60 से 80 प्रतिशत की कमी है.

अमेरिका,ब्राज़ील,कनाडा आस्ट्रेलया ,और गंगा के कछारी इलाकों में अनेक जगह अब बिना जुताई की खेती होने लगी है बिना जुताई की खेती में एक और जहां ६० से ८० % खेती खर्च कम आता है वहीँ खेत ताकतवर और पानीदार हो जाते हैं प्रतिकूल मौसम से फसलों के खराब हो जाने पर भी किसान की हिम्मत नहीं टूटती है वह दो बारा मजबूती से खड़ा हो जाता है.

राजू टाइटस
ऋषि-खेती किसान
होशंगाबाद। 461001,rajuktitus@gmail.com. 9179738049.






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