Tuesday, May 16, 2017

धान की ऋषि खेती

धान की ऋषि खेती


धान के खेत को समतल नहीं करें न उसमे पानी रोकने के लिए मेड बनाये यदि पानी रुकता है तो उसकी अच्छे से निकासी के लिए नाली बना लें। फिर धान की बीज गोलिया बनाकर अच्छे से सुखा कर बारिश से पहले खेतों में बिखेर दे।  एक वर्ग मीटर में कम से कम १० गोलिया रहना चाहिए। पिछली फसल से जो भी अवशेष मिले हैं उन्हें जहां का तहाँ  रहने दें।

साथ में मूंग और उड़द के बीज सीधे यानी बिना गोली बनाये बरसात आने पर बिखेर दें। यह सहफसल नत्रजन के लिए जरूरी है। हर दाल का पौधा अपनी छाया के छेत्र में नत्रजन (यूरिया ) बनाता है। पहले साल थोड़ी निंदाई  हाथों से करने की जरुरत रहती है इसके बाद आगे कोई काम नहीं रहेगा।

यदि सावधानी से धान की गोलियां बनाई जाती हैं तो एक चौथाई एकड़ में एक  किलो के करीब बीज लगता है।  मूंग और उड़द साथ में सीधे फेंकना है इसमें कुल दो किलो बीज प्रति चौथाई एकड़ पड़ता है। शुरू में खरपतवार नियंत्रण के लिए बीज की मात्रा अधिक रखी जाती है।
यह चित्र फुकुओकाजी के खेत की धान का है।  

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