नयी सरकार और ऋषि -खेती
भाजपा + को भारी मतों से विजय हासिल हुई है जिस के लिए हम सभी लोगों को बधाई देते हैं। ये विजय असल में कांग्रेस विरोधी लहर को दर्शाती है। कांग्रेस देश में पिछले अनेक सालों से राज कर रही थी उसे भी अनेक बार इसी प्रकार प्रचंड बहुमत मिला किन्तु अफ़सोस की बात है विकास के नाम पर विनाश ही हाथ लगा है। यदि ये सरकार भी कांग्रेस की तरह विकास करती रही तो एक दिन इसका भी यही हर्ष होगा। भारत एक कुदरती संसाधनो से संपन्न देश है। इसका विकास कुदरती संसाधनो की समृधी से ही संभव है। सीमेंट,कंक्रीट, आयातित पेट्रोल, कोयले के आधार पर किया जा रहा विकास टिकाऊ नहीं है। इस से हमारे कुदरती संसाधन जो हजारों साल से हमे संपन्न रखे हैं का विनाश हो रहा है। हमे कुछ नहीं चाहिए हम दो जून की कुदरती रोटी के लिए तरस रहे हैं जो हमे नसीब नहीं हो रही है। रोटी हमे जब मिल सकती जब हम हमारे कुदरती संसाधनो का शोषण बंद कर उन्हें विकसित करें। ऐसा कुदरती खेती के बिना संभव नहीं है। मौजूदा खेती एक और जहाँ हमारे कुदरती संसाधनो को नस्ट कर रही है वहीं हमारे खान पान और हवा में जहर घोल रही है। इसे अविलम्ब बंद कराने की जरुरत है। जरुरत से ज्यादह जमीन की जुताई ,रसायनो का उपयोग इस के लिए जवाब देह है। खेती के वैज्ञानिक और सरकारें इसके लिए दोषी है। यही कारण है की बिना युद्ध के हमारे किसान और जवान बे मौत मर रहे हैं। जंगलो पर आश्रित हमारा जनमानस पलायन के लिए मजबूर हो गया है ,पढ़ा लिखा और बहुत अधिक पढ़ालिखा युवा बेरोजगार हो रहा है ,मंदी बढ़ रही है व्यापार घट रहा है। हमारे कुदरती संसाधनो के शोषण से तेल या बिजली को हम विकास नहीं मानते क्योंकि ये संसाधन सीमित है और तेजी से कम हो रहे हैं।
हम ऐसा टिकाऊ विकास चाहते हैं जिस से हमारे कुदरती संसाधनो का शोषण रुके ,हरियाली बढे ,मौसम सही रहे ,हमे कुदरती हवा और खान पान नसीब हो क्या नयी सरकार हमे ये दे सकती सकती है ?
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