Wednesday, January 15, 2014

स्वराज लाओ देश बचाओ

No-Till Natural Farming (ऋषि-खेती )
स्वराज लाओ देश  बचाओ
     हमारे इन कुदरती खेतों को देखिये लहलहाते हरे भरे फलदार ,अर्ध जंगली वृक्षों के  साथ लहलहाती गेंहूं की और सब्जिओं की फसल उनके साथ में घूमती मुर्गियां और बकरियां, इन खेतों को २७ सालों से खोदा जोता बखरा नहीं गया है ना ही इसमें किसी भी प्रकार का मानव निर्मित खाद और रसायन डाला गया है .यह है बिना-जुताई की कुदरती खेती जो हमे कुदरती रोटी ,पानी और ईंधन के साथ साथ जीने के लिए भरपूर आमदनी भी देती है. इसकी उत्पादकता और गुणवत्ता का कोई मुकाबला नहीं है. ये खेती सरकारी अनुदान और सहायता के बगैर होती है. इन खेतों में लगातार कुदरती उर्वरकता का संचार हो रहा है. यह स्वराजी योजना है.

दूसरी ओर   हमारे पड़ोसियों के खेत हैं जहां सरकारी खेती हो रही है जहाँ एक भी पेड़ नहीं है. मशीनी जुताई और जहरीले रसायनो के बिना यहाँ फसल पैदा नहीं होती हैं. यह है आधुनिक वैज्ञानिक खेती जिसकी उत्पादकता और गुणवत्ता लगातार हर वर्ष कम होती जा रही है. इसमें ८०% सरकारी अनुदान है. जिसके बावजूद किसान घाटे में हैं. उन्हें खाने को कुदरती रोटी पीने को पानी और खाना पकाने को लकड़ियां उपलब्ध नहीं हैं. इन खेतों की उर्वरकता, जलधारण शक्ती लगातार कम हो रही है. ये खेत रेगिस्तान में तब्दील हो रहे हैं. ये गुलामी की निशानी है.
हम विदेशी पैसे और आयातित तेल की गुलामी में फंस गए हैं इसी लिए आर्थिक मंदी ,बेरोजगारी ,महामारियां ,
असुरक्षा और भ्रस्टाचार चरम सीमा पर है.इस  लिए हम स्वराज की मांग कर रहे हैं. ऋषि-खेती स्वराज का पहला कदम है.
स्वराज लाओ देश बचाओ
rajuktitus@gmail.com (09179738049)

No comments: