24 घंटे बिजली का गोरख धंदा
मोदीजी गुजरात का चुनाव ये कहते जीत गए कि देखिये गुजरात में हर गांव और शहर में हम २४ घंटे बिजली दे रहे हैं. शीला जी दिल्ली में २४ घंटे बिजली देने के बाद हार गयीं वेसे ही शिवराजजी ने M.P. के चुनाव से पहले अनेक शहरों को २४ घंटे बिजली देने के लिए बहुत ताकत लगाई जिसका फायदा उन्हें मिल भी गया है.किन्तु बहुत कम लोग जानते हैं कि ये बिजली निजी कम्पनियों के द्वारा दी जा रही है जो ७०% विदेशी निवेश और विदेशी कोयले से बन रही है. इस में सरकार का बस इतना सहयोग है कि सरकार ने इन्हे बिजली बनाने और बेचने का अधिकार दे दिया है जिसके बदले ये कम्पनियों चुनाव में फायदा पहुंचातीं है.
ये कम्पनियां भारी मात्रा में पर्यावरण को नुक्सान पहुंचा रही है और खूब पैसा कमा रही हैं. यदि भारत में बने पर्यावरण संरक्षण और अन्य कानूनो के तहत सही जाँच हो तो ना जाने कितने लोग सींखचों के अंदर दिखाई देंगे।
आमआदमी पार्टी की सरकार ने पहली मर्तवा बिजली कम्पनियों के खिलाफ जाँच बैठायी है. भाजपा और कांग्रेस जिसका खुलकर विरोध कर रही हैं. यदि इतनी ही ये ईमानदार हैं तो क्यों ? ये कम्पनियों की जाँच नहीं करवा रहीं हैं.क्योंकि इन्हे जेल जाने का डर है.
No comments:
Post a Comment