Monday, June 6, 2016

work

मै ' काम 'नाम को पसंद नहीं करता हूँ। दुनिया में हम ही ऐसे जानवर जो काम काम करते हैं और बहुत ही हस्यास्पद् बात है। दुनिया के और भी जानवर हैं जो जीने के लिए जीवन जीते हैं पर हम लोग पागलों के माफिक बस काम करते जाते हैं,सोचते हैं की हमे जिन्दा रहने के लिए यही आदेश है। जितना बड़ा काम होगा उतना बड़ी चुनौती होगी और उतना ही यह उत्तम होगा। इस से अच्छा यह होगा की हम सरलता और इत्मीनान की आरामदायक जिंदगी बिताएं। जैसा की जंगल में जानवर सुबह शाम बस खाने के लिए निकलते हैं दोपहर में आराम से सोते हैं और यही उनकी अतिउत्तम जिंदगी है। हम लोगों के लिए यह ठीक होगा हम ऐसी साधारण जिंदगी को जियें जहां अपनी जरूरतों को हम सीधे प्राप्त कर सकें ,जिसमे में काम वैसा नहीं रहेगा जैसा सब सोचते हैं बल्कि वह जिंदगी का एक जरूरी कुदरती नियम बन जायेगा। -- फुकुओकान जोड़ें

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