Sunday, November 23, 2014

CLIMATE SMART AGRICULTURE

श्रीमती शालिनी राजू टाइटस अपने ऋषि खेत में सुबबूल के पेड़ों के नीचे सीधे गेंहूँ के बीजों को छिड़ककर बुआई कर रही हैं।
उत्तराखंड और कश्मीर में  तबाही के पीछे गेरकुदरती खेती का हाथ है ऋषि खेती जलवायु परिवर्तन को थामने में सहयोग करती है इस लिए यह Climate स्मार्ट खेती की श्रेणी में आती है। 





2 comments:

Unknown said...

जुताई आधारित सभी खेती की विधियों से जैवविधताओं का छरण होता है इस कारण जलवायु परिवर्तन की समस्या आम हो रही है इसलिए इसे थामने की जरुरत है। जुताई और मानव निर्मित खादों के बल पर की जाने वाली खेती की विधियों से जलवायु परिवर्तन की समस्या पैदा हुई है इसका निवारण अब जैवविवधताओं का संरक्षण कर ही किया जा सकता है।

dev said...

राजू जी , आप उम्दा कार्य कर रहे है l प्राकृतिक खेती के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण अत्यंत सराहनीय कार्य है l