श्रीमती शालिनी राजू टाइटस अपने ऋषि खेत में सुबबूल के पेड़ों के नीचे सीधे गेंहूँ के बीजों को छिड़ककर बुआई कर रही हैं।
उत्तराखंड और कश्मीर में तबाही के पीछे गेरकुदरती खेती का हाथ है ऋषि खेती जलवायु परिवर्तन को थामने में सहयोग करती है इस लिए यह Climate स्मार्ट खेती की श्रेणी में आती है। |
2 comments:
जुताई आधारित सभी खेती की विधियों से जैवविधताओं का छरण होता है इस कारण जलवायु परिवर्तन की समस्या आम हो रही है इसलिए इसे थामने की जरुरत है। जुताई और मानव निर्मित खादों के बल पर की जाने वाली खेती की विधियों से जलवायु परिवर्तन की समस्या पैदा हुई है इसका निवारण अब जैवविवधताओं का संरक्षण कर ही किया जा सकता है।
राजू जी , आप उम्दा कार्य कर रहे है l प्राकृतिक खेती के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण अत्यंत सराहनीय कार्य है l
Post a Comment