Thursday, March 7, 2013

SUSTAINABLE AGRICULTURE


SUSTAINABLE AGRICULTURE
 सदा-बहार खेती

सदा-बहार खेती उस खेती को कहा जाता है जिसमे उत्पादन बिना किसी बाहरी मदद के, कुदरत की ताकत से  बढ़ते क्रम में मिलता है, जिसमे भूमि-छरण ,जल का छरण और मिट्टी की समस्त जैव विविधताओं का छरण बिलकुल नहीं होता है।
Sustainable agriculture is a way of crop production in which production remains in ascending order without any external help, and without soil, water and biodiversity erosion.


फसलोत्पादन के लिए की जाने वाली जमीन की जुताई एक हिंसात्मक उपाय है इस से मिट्टी मर जाती है. 
Tilling and plowing of soil is violent way of agriculture is responsible for the death of soil.

बारीक बखरी मिट्टी बरसात के पानी  से कीचड में तब्दील हो जाती जिस से बरसात का पानी जमीन में नहीं समाता है वह बह जाता है जिस से अपने साथ मिट्टी को भी बहा कर ले जाता है. इस से एक ओर भूमिगत जल  में कमी आती है वहीँ बरसात भी कम हो जाती है और मिट्टी कमजोर हो जाती है .
 Fine cultivated soil become mud in rain water do not allow rain water to absorbed by soil, water run fast erode top soil is cause for desertification.

हम पिछले २ ७ सालों से बिना जुताई की कुदरती खेती का अभ्यास कर रहे हैं और इसके के प्रचार प्रसार में संलग्न हैं .ये खेती जुताई के बिना की जाती है इस में किसी भी प्रकार की मानव निर्मित खाद और दवाई की जरुरत नहीं रहती है.
We are practicing no-till natural farming since last 27 years and involved its promotion. This way of farming is done by zero tillage there is no need of any man made fertilizer and killer in this way.


इस खेती में नींदा समझी जाने वाली वनस्पतियाँ बहुत काम की होती हैं जिन्हें हम भूमिधकाव की फसल कहते हैं . हम इन्हें मारते नहीं हैं वरन बचाते हैं . इनके नीचे अनेक जीवजन्तु ,कीड़े मकोड़े काम करते हैं जो जमीन को बहुत उपजाऊ, पानीदार और पोला बना देते हैं.
Weeds play very important role in this way of farming. Many useful insects, small animal lives underneath which makes soil perforated ,moist and fertile.

ये खेती करने का तरीका जितना मिट्टी के लिए लाभप्रद है उतना ही ये स्वास्थ के लिए भी लाभप्रद हैं क्योंकि इस से कुदरती आहार के अलावा कुदरती जल और हवा भी मिलती है।
 Natural way of farming is  better for soil and is better for health also, because it  not only produce natural food is also producing natural water and air.


जुताई करने से  मिट्टी का कार्बन , CO2 में परिवर्तित हो जाता है जो ग्रीनहाउस  गेस है जिस से धरती पर निरंतर गर्मी बढ़ रही है।
Tilling of land is responsible for Global warming due to CO2 emission. Carbon of soil converts in to greenhouse gas.

SHALINI AND RAJU TITUS
NATURAL FARMER INDIA

 
 








1 comment:

Anonymous said...

Great sir