भारत की खाद्य सुरक्षा
Food Security of India
महिलाओं में सत्तर प्रतिशत खून में कमी , पचास प्रतिशत बच्चों में कुपोषण ,हर दसवें घर में केंसर की दस्तक का खतरा ,अनेक नवजात बच्चों की मौत और अपंगता आदि अनेक समस्याएँ हैं और यदि ये आंकड़े जो समय समय पर सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दिए जाते हैं सही हैं तो इसका मतलब है की हमें हमारे आहार के माध्यम से उचित मात्रा में पोषण नहीं मिल रहा है। यानि हम खाद्य असुरक्षित हैं।
70% ladies suffering from anemia, 50% children suffering from malnutrition, every house in ten is waiting for cancer, many newborn children are dying at the time of birth or born disable etc. If these figures which are reporting by many NGO's are true than it is sure that we are not getting proper nutrition through our food. We are not food secured.
कहने को तो यह कहा जाता है की हम इतना खाद्य पैदा कर लेते हैं जिस को रखने की जगह नहीं है ,पहले हम खाना आयात करते थे अब निर्यात करने लगे हैं। हर साल बढ़ते क्रम में पैसा खेती किसानी में दिया जा रहा है जो बजट का 60% से अधिक है। अनेक कृषि विश्व विद्यालय बनते जा रहे हैं जिनसे अनेक कृषि वैज्ञानिक तयार हो रहे है ,सिंचाई की व्यवस्था बढ़ायी जा रही है किसानो के हाथों में मनमाफिक खाद ,दवाएं ,बीज मुहया कराया जा रहा है। बिना ब्याज का कर्ज ,अनुदान और मुआवजों की कोई कमी नहीं है। बिजली और डीज़ल में सब्सिडी आदि अनेक सुविधाएँ किसानो को दी जा रही हैं ,फिर भी क्यों कुपोषण की समस्या है ?
We say it is called that we are producing more than our stores , we were importing but are exporting we are investing money in agriculture more than other commodity.loan without interest,subsidies,and compensation are easily available. Than why we are not getting nutritious food ?
ये एक गंभीर प्रश्न है की एक ओर हम अपनी पूरी ताकत लगाकर खाद्य पैदा कर रहे हैं और दूसरी ओर हमारी खाद्य सुरक्षा को खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। खेतों से खूब पैदा हो रहा है रखने की जगह नहीं है और हम भूखे हैं।
This is a very important question that we are producing more and more and dying in hunger.
इसका असली कारण है की हमारे खेत जो हमारे लिए खाना उगाते हैं वे स्वं भूखे और कुपोषित हैं। उनमे पैदा होने वाली फसलें भी भूखी और कुपोषित रहती हैं इस लिए इन फसलों का सेवन करने से हम भी भूखे और कुपोषित हो जाते हैं।
Main reason of this is that our soil of farms which are producing food are also hungry and
infertile.
इस समस्या का मूल कारण फसलो को पैदा करने के लिए की जा रही जमीन की जुताई है. जमीन की जुताई करने से मिट्टी जो असली जैविक खाद है जिसमे अनेक प्रकार के पोषक तत्व रहते हैं बरसात में बह जाते हैं।
इन कुदरती पोषक तत्वों का निर्माण खेतों में रहने वाले असंख्य जीवजन्तु आदि करते हैं। जुताई करने से इन जीवजन्तु के घर मिट जाते हैं वे मर जाते हैं। इस लिए खेत भूखे और पोषकता विहीन हो जाते हैं।
Actually what happens when we till the land for cropping the living biodiversity which producing
nutrients for soil are dye and soil erode due to rain water. Soil remain weak.
जुताई किए बगेर बीजों को उगाने से बरसात के पानी का बहना रुक जाता है वह खेत में जहाँ का तहां सोख लिया जाता है इस से एक ओर जल संग्रह होता है वहीँ जैविक खाद का बहना पूरी तरह रुक जाता है। खेत कमजोर नहीं होते हैं उनकी ताकत हर मोसम बढती जाती है।
Growing crops without tilling is having many advantages. Rain water absorbed soil it recharge under ground waiter table and top soil which is full of organics saved from erosion. Many soil insects like earth worms etc. remain safe provide all nutrients.
हमारे खेतों की मिटटी के एक कण को जब हम सूक्ष्म दर्शी यंत्र से देखते हैं
तो उसमे अनेक सूक्ष्म जीवाणु औरअनेक केंचुओं ,चीटे ,चीटी आदि के अंडे दिखाई देते हैं। इसका मतलब मिट्टी जीवित है। जिसे जरा सा भी अस्त व्यस्त करने से वह मरने लगती है. जमीन की जुताई और रसायनों के उपयोग से मिट्टी की जैविकता पर गंभीर असर पड़ता है।
Soil is nothing but a group of microbes ,eggs of earthworms and many small insects. Little disturbance kill soil. we can see this through microscope.
हरा भूमि ढकाव जिसे हम खरपतवार कहते हैं इस जैवविविधता को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ये जैव विविधता है जो मिट्टी के पोषक तत्वों का निर्माण करती है जिस से जमीन उपजाऊ रहती है।
Green ground cover crops generally known as weed is play very important role in the protection of this biodiversity which is responsible for all essential nutrients of the soil.
ये असली जैविक खेती और कुदरती खेती का मन्त्र है ,जमीन की जुताई, रसायनों के उपयोग से ये जैविकता मर जाती है। जिस से मिट्टी भी मर जाती है जिस में गेरकुद्रती तरीको से फ़सलें पैदा तो हो जाती हैं पर वे कुपोषित रहती है जिनमे आसानी से बीमारियाँ लग जाती हैं। रासायनिक दवाएं जरुरी हो जाती हैं जिस से हमारा भोजन जहरीला हो जाता है।
This is the formula of true organic farming and natural farming. Tilling and use of chemicals kills this biodiversity of the soil. Growing unnatural crops is possible but they become sick. Pestisides become essential makes our food poisonous.
यही कारण है की अनाज तो खूब पैदा हो रहा है रखने की जगह नहीं है और हम सब भूके मर रहे हैं। ये गेर कुदरती आहार है इसमें स्वाद और गुणवत्ता की भारी कमी है। हरित क्रांति से पूर्व जब किसान परंपरागत खेती किसानी करते थे कमजोर होते खेतों को पुन : उपजाऊ बनाने के लिए पड़ती छोड़ देते थे। जिस से खेत खरपतवारों से ढँक जाते थे जिनमे जैव विविधताएँ पनप जाती थीं और खेत पुन: ताकतवर हो जाते थे। हजारों साल ये खेती टिकाऊ रही जिसे आधुनिक वैज्ञानिक खेती के मात्र कुछ सालों ने नस्ट कर दिया। हम कुदरती खाद्यों के संकट में फंस गए है।
This is the reason we are hungry where our grain stores are full. This unnatural food which is without taste and nutrition. Before green revolution of India traditional farmers were keeping land
untitled when it was found poor. Land become fertile by just do nothing. Natural green cover makes it fertile. Thousands of years this method remain sustainable but only few years of green revolution spoiled precious land. We are caught in to the danger of the food security.
कुछ देशों में किसान इस सच्चाई को समझ गए हैं। उन्होंने बिना जुताई जैविक खेती को शुरू कर दिया है। वे अपने खेतों में खरपतवारों को बचाते हैं जिस से खेतों में जैव विविधताएँ पनप जाती हैं। फिर वहीँ खरपतवारों को सुला कर बीजों की बुआइ कर दी जाती है। हरी खरपतवारों के ढकाव में पानी अपने आप उपर आता है सिंचाई की भी जरुरत नहीं रहती है।
Some farmers realized this truth the started No Till organic farming.
They protect weed cover for soil health and after crimping weeds they sow seeds in cover.Due to green cover natural irrigation system works no need of artificial irrigation. This method gives bumper crop.
आज हम दावे के साथ कह सकते हैं की भारत की खाद्य सुरक्षा के लिए इस से अच्छी और कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है।
Today we can confidently say that India's food security is not possible without no till natural farming.
इस का कारण ये है की हम भी सत्ताईस सालों से बिना जुताई की कुदरती खेती कर रहे हैं जिस का अविष्कार जापान के विश्व विख्यात कृषि वैज्ञानिक और कुदरती खेती के किसान ने किया है।
Because we are practicing it since last 27 years this method is developed by Masnobu Fukuoka of Japan.
Raju Titus
Natural farmer of India.
Food Security of India
महिलाओं में सत्तर प्रतिशत खून में कमी , पचास प्रतिशत बच्चों में कुपोषण ,हर दसवें घर में केंसर की दस्तक का खतरा ,अनेक नवजात बच्चों की मौत और अपंगता आदि अनेक समस्याएँ हैं और यदि ये आंकड़े जो समय समय पर सामाजिक संस्थाओं के द्वारा दिए जाते हैं सही हैं तो इसका मतलब है की हमें हमारे आहार के माध्यम से उचित मात्रा में पोषण नहीं मिल रहा है। यानि हम खाद्य असुरक्षित हैं।
महिलाओं में खून की कमी ANIMIYA |
70% ladies suffering from anemia, 50% children suffering from malnutrition, every house in ten is waiting for cancer, many newborn children are dying at the time of birth or born disable etc. If these figures which are reporting by many NGO's are true than it is sure that we are not getting proper nutrition through our food. We are not food secured.
कहने को तो यह कहा जाता है की हम इतना खाद्य पैदा कर लेते हैं जिस को रखने की जगह नहीं है ,पहले हम खाना आयात करते थे अब निर्यात करने लगे हैं। हर साल बढ़ते क्रम में पैसा खेती किसानी में दिया जा रहा है जो बजट का 60% से अधिक है। अनेक कृषि विश्व विद्यालय बनते जा रहे हैं जिनसे अनेक कृषि वैज्ञानिक तयार हो रहे है ,सिंचाई की व्यवस्था बढ़ायी जा रही है किसानो के हाथों में मनमाफिक खाद ,दवाएं ,बीज मुहया कराया जा रहा है। बिना ब्याज का कर्ज ,अनुदान और मुआवजों की कोई कमी नहीं है। बिजली और डीज़ल में सब्सिडी आदि अनेक सुविधाएँ किसानो को दी जा रही हैं ,फिर भी क्यों कुपोषण की समस्या है ?
No Room अनाज रखने की जगह नहीं है। |
We say it is called that we are producing more than our stores , we were importing but are exporting we are investing money in agriculture more than other commodity.loan without interest,subsidies,and compensation are easily available. Than why we are not getting nutritious food ?
ये एक गंभीर प्रश्न है की एक ओर हम अपनी पूरी ताकत लगाकर खाद्य पैदा कर रहे हैं और दूसरी ओर हमारी खाद्य सुरक्षा को खतरा दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा है। खेतों से खूब पैदा हो रहा है रखने की जगह नहीं है और हम भूखे हैं।
This is a very important question that we are producing more and more and dying in hunger.
इसका असली कारण है की हमारे खेत जो हमारे लिए खाना उगाते हैं वे स्वं भूखे और कुपोषित हैं। उनमे पैदा होने वाली फसलें भी भूखी और कुपोषित रहती हैं इस लिए इन फसलों का सेवन करने से हम भी भूखे और कुपोषित हो जाते हैं।
Main reason of this is that our soil of farms which are producing food are also hungry and
infertile.
इस समस्या का मूल कारण फसलो को पैदा करने के लिए की जा रही जमीन की जुताई है. जमीन की जुताई करने से मिट्टी जो असली जैविक खाद है जिसमे अनेक प्रकार के पोषक तत्व रहते हैं बरसात में बह जाते हैं।
इन कुदरती पोषक तत्वों का निर्माण खेतों में रहने वाले असंख्य जीवजन्तु आदि करते हैं। जुताई करने से इन जीवजन्तु के घर मिट जाते हैं वे मर जाते हैं। इस लिए खेत भूखे और पोषकता विहीन हो जाते हैं।
Actually what happens when we till the land for cropping the living biodiversity which producing
nutrients for soil are dye and soil erode due to rain water. Soil remain weak.
जुताई किए बगेर बीजों को उगाने से बरसात के पानी का बहना रुक जाता है वह खेत में जहाँ का तहां सोख लिया जाता है इस से एक ओर जल संग्रह होता है वहीँ जैविक खाद का बहना पूरी तरह रुक जाता है। खेत कमजोर नहीं होते हैं उनकी ताकत हर मोसम बढती जाती है।
EARTHWORMS DYE DUE TO TILLING |
Growing crops without tilling is having many advantages. Rain water absorbed soil it recharge under ground waiter table and top soil which is full of organics saved from erosion. Many soil insects like earth worms etc. remain safe provide all nutrients.
HOUSES OF EARTHWORMS DESTROYS |
तो उसमे अनेक सूक्ष्म जीवाणु औरअनेक केंचुओं ,चीटे ,चीटी आदि के अंडे दिखाई देते हैं। इसका मतलब मिट्टी जीवित है। जिसे जरा सा भी अस्त व्यस्त करने से वह मरने लगती है. जमीन की जुताई और रसायनों के उपयोग से मिट्टी की जैविकता पर गंभीर असर पड़ता है।
Soil is nothing but a group of microbes ,eggs of earthworms and many small insects. Little disturbance kill soil. we can see this through microscope.
हरा भूमि ढकाव जिसे हम खरपतवार कहते हैं इस जैवविविधता को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ये जैव विविधता है जो मिट्टी के पोषक तत्वों का निर्माण करती है जिस से जमीन उपजाऊ रहती है।
ये असली जैविक खेती और कुदरती खेती का मन्त्र है ,जमीन की जुताई, रसायनों के उपयोग से ये जैविकता मर जाती है। जिस से मिट्टी भी मर जाती है जिस में गेरकुद्रती तरीको से फ़सलें पैदा तो हो जाती हैं पर वे कुपोषित रहती है जिनमे आसानी से बीमारियाँ लग जाती हैं। रासायनिक दवाएं जरुरी हो जाती हैं जिस से हमारा भोजन जहरीला हो जाता है।
This is the formula of true organic farming and natural farming. Tilling and use of chemicals kills this biodiversity of the soil. Growing unnatural crops is possible but they become sick. Pestisides become essential makes our food poisonous.
यही कारण है की अनाज तो खूब पैदा हो रहा है रखने की जगह नहीं है और हम सब भूके मर रहे हैं। ये गेर कुदरती आहार है इसमें स्वाद और गुणवत्ता की भारी कमी है। हरित क्रांति से पूर्व जब किसान परंपरागत खेती किसानी करते थे कमजोर होते खेतों को पुन : उपजाऊ बनाने के लिए पड़ती छोड़ देते थे। जिस से खेत खरपतवारों से ढँक जाते थे जिनमे जैव विविधताएँ पनप जाती थीं और खेत पुन: ताकतवर हो जाते थे। हजारों साल ये खेती टिकाऊ रही जिसे आधुनिक वैज्ञानिक खेती के मात्र कुछ सालों ने नस्ट कर दिया। हम कुदरती खाद्यों के संकट में फंस गए है।
This is the reason we are hungry where our grain stores are full. This unnatural food which is without taste and nutrition. Before green revolution of India traditional farmers were keeping land
untitled when it was found poor. Land become fertile by just do nothing. Natural green cover makes it fertile. Thousands of years this method remain sustainable but only few years of green revolution spoiled precious land. We are caught in to the danger of the food security.
कुछ देशों में किसान इस सच्चाई को समझ गए हैं। उन्होंने बिना जुताई जैविक खेती को शुरू कर दिया है। वे अपने खेतों में खरपतवारों को बचाते हैं जिस से खेतों में जैव विविधताएँ पनप जाती हैं। फिर वहीँ खरपतवारों को सुला कर बीजों की बुआइ कर दी जाती है। हरी खरपतवारों के ढकाव में पानी अपने आप उपर आता है सिंचाई की भी जरुरत नहीं रहती है।
Some farmers realized this truth the started No Till organic farming.
NO TILL ORGANIC FARMING |
Today we can confidently say that India's food security is not possible without no till natural farming.
इस का कारण ये है की हम भी सत्ताईस सालों से बिना जुताई की कुदरती खेती कर रहे हैं जिस का अविष्कार जापान के विश्व विख्यात कृषि वैज्ञानिक और कुदरती खेती के किसान ने किया है।
Because we are practicing it since last 27 years this method is developed by Masnobu Fukuoka of Japan.
Raju Titus
Natural farmer of India.
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