Sunday, February 24, 2008

गेंहूं का घटता रकवा

 गेंहूं  की खेती का घटता रकवा

महोदय,

विगत दिनों भास्कर मे एक खबर छपी थी जिसमे बताया गया था कि इस वर्ष गेहूं की बुआई पिछले वर्ष कि तुलना मे काफी कम हुई है। हरित क्रान्ति के पितामय के रुप मे विख्यात डा एम.एस स्वामिनाथन जी ने पूर्व मे ही अपने लेख (;भास्कर) के  द्वारा  यह स्पष्ट कर दिया है कि गेहूं की फसल विगत कुछ वर्षों से भारी उत्पादकता एवं गुणवत्ता की कमि के कारण अब घाटे का सौदा हो रही है। यह घटता रकवा इस बात का गवाह है कि किसानों की रुचि अब गेहूं की फसल मे अब घट रही है।यह एक गंभीर समस्या है। यानि की रोटी अब मेहंगी और प्रदूषित हो रही है। जिसका सीधा असर गरीब जनता के उपर पड़ेगा।

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