जुताई और बिना जुताई की खेती में अँतर देखिये
जुताई करने से खेत की बहु मूल्य जैविक खाद( मिट्टी ) बह जाती है और बरसात का पानी जमीन में नही जातां हैं। हर साल खेत की जुताई करने से खेत की मिट्टी बहुत सख़्त हो जाती हैं किन्तु बरसात के पानी के साथ मिल कर वह बह जाती है दूसरा वह बरसात के पानी को जमीन में नहीं जाने देती है। हर साल करीब 10 -15 टन जैविक खाद एक एकड़ से बह जातीँ हैं। करीब आधी ताकत नस्ट हो ज़ाती हैं। मौसम परिवर्तन का यह असली कारण है।
हर साल इस कारण से सूखा और बाढ़ आ रहा हैं।
https://www.youtube.com/watch?v=q1aR5OLgcc0
किसान आत्म हत्या कर रहे हैं।
इस विडिओ को भेजने के लिए हम उदित जी को घन्यवाद देते हैं। Udit Kumar
kumar.udit @gmail.com
उदित जी नेचरल फार्मर हैँ ग़ाज़ियाबाद में रह्ते हैं बायो तकनिकी विशेषज्ञ हैँ।
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