धान का विश्व-कीर्तिमान
श्री सुमंत कुमार किसान
नालंदा बिहार भारत
जमीन से मिलने वाली पैदावार की कोई सीमा नहीं है . हाल ही में नालंदा के किसान श्री सुमंत कुमार ने 2 2 .4 टन धान प्रति हेक्टर पैदा कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है . उन्होंने इस से पहले का कीर्तिमान जो 1 9 .5 था को तोडा है. जो चीन के वैज्ञानिक श्री युआन ने स्थापित किया था .
श्री सुमंत कुमार का कीर्तिमान इस लिए अधिक महत्व का है क्योंकि उन्होंने ये उपज बिना रसायनों और बिना अनु-वांशिक बीजो के प्राप्त किया है. इस की गुणवत्ता बहुत अधिक है . हम ये दावे के साथ कह सकते हैं की एक और जहाँ श्री युआन का चावल केंसर जैसी बीमारी को जन्म देने में समर्थ है वैसे श्री सुमंतजी का चावल केंसर जैसी बीमारी को ठीक करने में समर्थ है .
इस से पूर्व जापान के कुदरती किसान श्री स्व .मासानोबू फुकुओकाजी ने बिना-जुताई खाद और दवा के एक टन से अधिक प्रति एक चोथाई चावल की पैदावार अनेक सालों तक लगातार बढ़ते क्रम में लेकर कीर्तिमान बनाया था . फसलोत्पादन के लिए जमीन की कुदरती ताकत और मौसम का बड़ा हाथ है. जमीन की ताकत जमीन में पैदा होते मरते जैविक अंशो पर निर्भर है. जैविक अंश जिन्हें हम कीड़े,मकोड़े ,पेड़पौधे ,सूक्ष्म जीवाणु आदि कहते हैं। ये जैव-विविधताएँ जमीन पर उस समय पनपती हैं जब जमीन को अपने कुदरती स्वरूप में रहने दिया जाये . अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के चक्कर में किसान जमीन को खूब खोदते जोतते हैं, उस में अनेक प्रकार के रासायनिक जहर डालते हैं . खेतों को पानी में डूबा कर रखते हैं . इस लिए जमीन की जैव-विविधताएँ मर जाती हैं . उनसे मिलने वाली ताकत भी ख़तम होने लगती है.
कुदरती खेती की फुकुओका विधि एक मात्र ऐसी विधि है जो जमीन ताकत को बढ़ते क्रम में बनाये रखने में सक्षम है. इस विधि में इसी कारण जमीन की जुताई ,कीचड की मचाई ,मानव निर्मित खाद और कीट/नींदा नाशक उपायों, नरवाई ,पुआल आदि को हटाना आदि गेर-कुदरती उपाय वर्जित हैं .
चीन के वैज्ञानिक महोदय जी का कहना है की श्री सुमंतजी का 2 2 .4 टन प्रति हेक्टर का उत्पादन बिना रसायनों और बिना अनुवांशिक उपाय के असंभव है. हम पिछले 2 7 सालों से बिना जुताई बिना रसायनों के खेती कर रहे हैं . इस विधि का अविष्कार श्री फुकुकाजी ने कर दीर्घ कालीन विश्व स्तरीय कीर्तिमान कर बहुत पहले दुनिया को दिखा दिया है.
श्री सुमंत कुमार जी ने भी इस विधि के बहुत करीब जाकर ये कीर्तिमान स्थापित किया है . इस के लिए वे बधाई के पात्र हैं किन्तु चीन के श्री युवान गेर-कुदरती तरीके से गेर-कुदरती फसल के रिकार्ड के लिए बधाई के पात्र नहीं है। रसायनों और जी एम् से खेत ख़राब होते है।
हमारा ये मानना है की श्री सुमंत कुमार जी यदि अपनी इस विधि से गेर-कुदरती उपाय यदि हैं तो हटा देते हैं तो साल दर साल वे अपने रिकार्ड को बनाये रख सकते है। किन्तु गेर-कुदरती चावल के तथा कथित पितामह कभी भी उत्पादन को टिकाऊ नहीं रख सकते हैं।
शालिनी एवं राजू टाइटस
कुदरती खेती के किसान
MR SUMANT KUMAR FARMER OF NALANDA BIHAR INDIA PRODUCE 22.4 TONS OF PADDY (WET) FROM ONE HECTARE. HE NOT USED CHEMICAL AND GM SEEDS. HE BROKEN PREVIUS RECORD OF MR YUVAN LONGPING OF CHINA WHO WAS WINNER OF
WORLD RECORD IN PADDY PRODUCTION ,PRODUCED 19.5 TONS.
MR YUVAN IS NOT SATISFIED WITH THE YIELD SHOWN BY MR SUMANT OF INDIA AS PER HIM CLAIM IS FAKE. I AM NOT SATISFIED WITH MR YUVAN'S STATMENT AND WORK BECAUSE HE PRODUCED UNNATURAL CROP WITH GM SEEDS AND HAZARDOUS
CHEMICALS. MR SUMANT KUMAR'S CLAIM IS JUSTIFIED BECAUSE HE PRODUCED NATURAL CROP OF PADDY.
MR KUMAR'S YIELD IS JUST DOUBLE FROM FUKUOKA' YIELD IT SHOWS THAT YIELD IS DEPEND OF GOOD NATURAL HEALTH OS SOIL. THIS HEALTH IS POSSIBLE ONLY BY USING
FUKUOKA PRINCIPALS. THERE IS NO LIMIT OF YIELD IN NATURAL WAY OF FARMING METHODS.
THANKS
RAJU
श्री सुमंत कुमार किसान
नालंदा बिहार भारत
जमीन से मिलने वाली पैदावार की कोई सीमा नहीं है . हाल ही में नालंदा के किसान श्री सुमंत कुमार ने 2 2 .4 टन धान प्रति हेक्टर पैदा कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है . उन्होंने इस से पहले का कीर्तिमान जो 1 9 .5 था को तोडा है. जो चीन के वैज्ञानिक श्री युआन ने स्थापित किया था .
श्री सुमंत कुमार SUMANT KUMAR |
इस से पूर्व जापान के कुदरती किसान श्री स्व .मासानोबू फुकुओकाजी ने बिना-जुताई खाद और दवा के एक टन से अधिक प्रति एक चोथाई चावल की पैदावार अनेक सालों तक लगातार बढ़ते क्रम में लेकर कीर्तिमान बनाया था . फसलोत्पादन के लिए जमीन की कुदरती ताकत और मौसम का बड़ा हाथ है. जमीन की ताकत जमीन में पैदा होते मरते जैविक अंशो पर निर्भर है. जैविक अंश जिन्हें हम कीड़े,मकोड़े ,पेड़पौधे ,सूक्ष्म जीवाणु आदि कहते हैं। ये जैव-विविधताएँ जमीन पर उस समय पनपती हैं जब जमीन को अपने कुदरती स्वरूप में रहने दिया जाये . अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के चक्कर में किसान जमीन को खूब खोदते जोतते हैं, उस में अनेक प्रकार के रासायनिक जहर डालते हैं . खेतों को पानी में डूबा कर रखते हैं . इस लिए जमीन की जैव-विविधताएँ मर जाती हैं . उनसे मिलने वाली ताकत भी ख़तम होने लगती है.
सुमंतजी की फसल SUMANT'S PADDY CROP |
कुदरती खेती की फुकुओका विधि एक मात्र ऐसी विधि है जो जमीन ताकत को बढ़ते क्रम में बनाये रखने में सक्षम है. इस विधि में इसी कारण जमीन की जुताई ,कीचड की मचाई ,मानव निर्मित खाद और कीट/नींदा नाशक उपायों, नरवाई ,पुआल आदि को हटाना आदि गेर-कुदरती उपाय वर्जित हैं .
चीन के वैज्ञानिक महोदय जी का कहना है की श्री सुमंतजी का 2 2 .4 टन प्रति हेक्टर का उत्पादन बिना रसायनों और बिना अनुवांशिक उपाय के असंभव है. हम पिछले 2 7 सालों से बिना जुताई बिना रसायनों के खेती कर रहे हैं . इस विधि का अविष्कार श्री फुकुकाजी ने कर दीर्घ कालीन विश्व स्तरीय कीर्तिमान कर बहुत पहले दुनिया को दिखा दिया है.
चीन के वैज्ञानिक श्री युवान लोंगपिंग MR YUVAN LONGPING OF CHINA PREVIOUS WORLD RECORD HOLDER. |
श्री सुमंत कुमार जी ने भी इस विधि के बहुत करीब जाकर ये कीर्तिमान स्थापित किया है . इस के लिए वे बधाई के पात्र हैं किन्तु चीन के श्री युवान गेर-कुदरती तरीके से गेर-कुदरती फसल के रिकार्ड के लिए बधाई के पात्र नहीं है। रसायनों और जी एम् से खेत ख़राब होते है।
हमारा ये मानना है की श्री सुमंत कुमार जी यदि अपनी इस विधि से गेर-कुदरती उपाय यदि हैं तो हटा देते हैं तो साल दर साल वे अपने रिकार्ड को बनाये रख सकते है। किन्तु गेर-कुदरती चावल के तथा कथित पितामह कभी भी उत्पादन को टिकाऊ नहीं रख सकते हैं।
शालिनी एवं राजू टाइटस
कुदरती खेती के किसान
MR SUMANT KUMAR FARMER OF NALANDA BIHAR INDIA PRODUCE 22.4 TONS OF PADDY (WET) FROM ONE HECTARE. HE NOT USED CHEMICAL AND GM SEEDS. HE BROKEN PREVIUS RECORD OF MR YUVAN LONGPING OF CHINA WHO WAS WINNER OF
WORLD RECORD IN PADDY PRODUCTION ,PRODUCED 19.5 TONS.
MR YUVAN IS NOT SATISFIED WITH THE YIELD SHOWN BY MR SUMANT OF INDIA AS PER HIM CLAIM IS FAKE. I AM NOT SATISFIED WITH MR YUVAN'S STATMENT AND WORK BECAUSE HE PRODUCED UNNATURAL CROP WITH GM SEEDS AND HAZARDOUS
CHEMICALS. MR SUMANT KUMAR'S CLAIM IS JUSTIFIED BECAUSE HE PRODUCED NATURAL CROP OF PADDY.
MR KUMAR'S YIELD IS JUST DOUBLE FROM FUKUOKA' YIELD IT SHOWS THAT YIELD IS DEPEND OF GOOD NATURAL HEALTH OS SOIL. THIS HEALTH IS POSSIBLE ONLY BY USING
FUKUOKA PRINCIPALS. THERE IS NO LIMIT OF YIELD IN NATURAL WAY OF FARMING METHODS.
THANKS
RAJU
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