फलों की कुदरती खेती
दूसरी महत्वपूर्ण बात जो उन्होंने बताई है फलों के पेडों के आस पास गडडे बनाके जड़ों को कतरकर और उसमे अनेक प्रकार की खाद, दवा और गोबर / गो मूत्र आदि को डालने से तथा शाखाओं की छटाई करने से पेड कमजोर हो जाते है वे हर साल फलते नहीं है उत्पादन गिरजाता है वे बीमार होकर सूख जाते हैं.
जब से महारास्ट्र में फुकुओका जी की इस विधि की जानकारी मिली है अनेक किसानो ने अपने बगीचे सूखने से बचा लिए हैं. अब वे हर साल बढ़ते क्रम में फलों का उत्पादन ले रहे हैं. फलों के स्वाद और खुशबू के कारण उनका मुनाफा बहुत बढ़ गया है.
--
Raju Titus.Natural farm.Hoshangabad. M.P. 461001.
rajuktitus@gmail.com. +919179738049.
http://picasaweb.google.com/ rajuktitus
http://groups.yahoo.com/group/ fukuoka_farming/
http://rishikheti.blogspot. com/
--
Raju Titus.Natural farm.Hoshangabad. M.P. 461001.
rajuktitus@gmail.com. +919179738049.
http://picasaweb.google.com/ rajuktitus
http://groups.yahoo.com/group/ fukuoka_farming/
http://rishikheti.blogspot. com/
अभी कुछ सालों पहले तक महारास्ट्र
में संतरों की खेती बहुत अच्छी होती थी किन्तु फल बागों में, खेती के
वैज्ञानिकों की सलाह से किये जाने वाले गेर कुदरती कार्यों के कारण अब फल
बाग़ बुरी तरह सूख रहे हैं. इस का मूल कारण फलों के बीच में जुताई कर की
जाने वाली खेती है. ये समस्या पूरी दुनिया में की जा रही फलो की खेती के साथ है
फुकुओका जी सब से पहले किसान थे जो अपने फलों के बागानों में जुताई नहीं करते थे और बीच में होने वाली तमाम खरपतवारों को भी वे सहेजते
थे यानि उनकी रक्षा करते थे. उनका मतलब ये है की हर पेड़ के अपने साथी
होते हैं जो जो एक दूसरे के पूरक होते हैं. वे जब १९८८ में हमरे फार्म पर
पधारे थे बता रहे थे की पेडों की छाया की गोलाई में जितनी भी हरयाली होती
है उस में फल के पेडों के अनेक साथी निवास करते हैं. इस के अलावा फलों के
पेडों पर लगने वाली बीमारी के कीड़ों के दुश्मन भी रहते हैं. इस कारण फलों
के पेड़ एक और जहाँ बीमारी से सुरक्षित रहते हैं वहीँ वे हर साल बढ़ते क्रम
में फल देते हैं .उनके फलों का रंग ,स्वाद,और जायका भी हर साल बढ़ता जाता है.दूसरी महत्वपूर्ण बात जो उन्होंने बताई है फलों के पेडों के आस पास गडडे बनाके जड़ों को कतरकर और उसमे अनेक प्रकार की खाद, दवा और गोबर / गो मूत्र आदि को डालने से तथा शाखाओं की छटाई करने से पेड कमजोर हो जाते है वे हर साल फलते नहीं है उत्पादन गिरजाता है वे बीमार होकर सूख जाते हैं.
जब से महारास्ट्र में फुकुओका जी की इस विधि की जानकारी मिली है अनेक किसानो ने अपने बगीचे सूखने से बचा लिए हैं. अब वे हर साल बढ़ते क्रम में फलों का उत्पादन ले रहे हैं. फलों के स्वाद और खुशबू के कारण उनका मुनाफा बहुत बढ़ गया है.
PROTECT FRUIT TREES IN DROUGHT
Fruit growers are
in crisis due drought. Their orchards are dying. Many orange orchards in Maharashtra are dying. This is happening due to unnatural way of farming.
Farmers are tilling under the shade area of
trees. Rain water is not going in is flowing and removing
organics.
Masnobu Fukuoka
founder of Natural Farming was first who stopped tilling and removing green
cover of weeds from his orchards .Now all fruit growers of Japan
following his method. Many orange growers in America
are also in crisis due to drought.
He visited my farm in 1988. He was saying
that many small, insects and microbes lives the under green cover of weeds.
This diversity supply nutrients, make soil perforated,rain water
easily goes inside the soil. Many predators living in green weed cover control
harmful insects, trees remain healthy gives every year fruits
in increasing manner. Taste and flavor also improves.
Second he told that
digging around trees, cutting roots and filling cow dung, chemicals etc. and
pruning is harmful in natural growth. Trees become sick and dye .
Many farmers of Maharashtra near Nagpur
are following Fukuoka's method are safe in drought.
--
Raju Titus.Natural farm.Hoshangabad. M.P. 461001.
rajuktitus@gmail.com. +919179738049.
http://picasaweb.google.com/
http://groups.yahoo.com/group/
http://rishikheti.blogspot.
--
Raju Titus.Natural farm.Hoshangabad. M.P. 461001.
rajuktitus@gmail.com. +919179738049.
http://picasaweb.google.com/
http://groups.yahoo.com/group/
http://rishikheti.blogspot.