Sunday, March 6, 2016

बिना जुताई की जैविक खेती

बिना जुताई की जैविक खेती

जुताई ,खाद ,दवाई के बिना की जाने वाली असिंचित यांत्रिक खेती 


पिछले दो दशकों से अमेरिका में बिना जुताई करे खेती करने की तकनीक  ने बहुत प्रसिद्धी पाई है।  बिना जुताई की खेती कर किसान भूमि छरण और जल के छरण को रोकने में सफल हुए हैं।  इस तकनीक से किसानो के पैसे और समय में भी बहुत बचत देखी गयी है। 
बिना जुताई की जैविक खेती की किताब 


हलाकि इस खेती  से एक और जहाँ किसान  खुश हैं वहीँ उन्हें  खरपतवारों से  लड़ने के लिए जहरीले रासायनिक खरपतवार नाशकों को उपयोग में लाना पड़ रहा है जिसके कारण उनके उत्पाद 'जैविक ' श्रेणी नहीं आते हैं।   
इसलिए बिना जुताई की संरक्षित खेती करने वाले किसानो के समक्ष  सवाल खड़ा हो गया है वे कैसे अपने उत्पादों को  जैविक की श्रेणी  लाएं जिस से उन्हें जैविक बाजार स्वीकार कर ले।


बिना जुताई की जैविक खेती की मशीन 
' बिना जुताई की जैविक खेती' के  पास इस प्रश्न का जवाब है। यह  पूरी तरह जमीन की जैव- विविधताओं को बचाते हुए खेती करने का तरीका है। इसमें भूमि ढकाव की फसलों को जमीन पर मशीनो के द्वारा सुला दिया जाता है  जिस से जुताई किए बगैर और खरपतवार नाशको का उपयोग किए बगैर बंपर फसले ली जाती हैं। 


गेंहूँ की नरवाई में सोयाबीन की बिना जुताई
की खेती 
अमेरिका की रोडल्स संस्था ने इस  विधि को तैयार किया  है जिसमे बिना जुताई और बिना रासयनिक जहरों से खरपतवारों को मारे  बिना मशीनो का उपयोग करते हुए बंपर फसले ली जा सकती है। इस विधि में पहले जमीन को हरी खाद की  फसलों से   ढँका जाता है। जिस से जमीन उर्वरक और पानीदार हो जाती है। जिसके कारण जुताई ,खाद और दवाइयों के आलावा सिंचाई भी गैर जरूरी हो जाती है। इस कारण फसले शत प्रतिशत आर्गेनिक जाती है। 

इसके लिए छोटे ट्रेक्टरों के आगे एक रोलर लगता है लगता है जो कवर क्रॉप्स को जमीन पर सुला देता है तथा ट्रेक्टर के पीछे 
बिना जुताई की बोने की मशीन से बोनी कर दी जाती है। इसमें एक बार मशीन को घुमाने से साल भर की खेती का काम पूरा हो जाता है। 

1 comment:

Jayesh Ramjibhai Ladani said...

Can we built a technique to replace tractor with bull driven traditional hal? This would made them workable and hence preserved by farmers.