Thursday, May 19, 2016

ऋषि खेती

ऋषि खेती 


ऋषि खेती के निम्न नियम हैं।
१- जुताई बिलकुल नहीं करना है।
२-किसी भी प्रकार की मानव निर्मित खाद का उपयोग नहीं  करना है।
३-कोई भी कीड़ेमार और खरपतवार मार उपाय को अमल में नहीं लाना है।
४-फलदार पेड़ों में कटाई /छटाई नहीं करना है।

जुताई  का दोष
 जुताई  करने से बरसात का पानी जमीन में सोखा नहीं जाता है वह बहता है साथ में खेत की जैविक खाद को भी बहा कर ले जाता है। इस वीडियो को देखें
सुबबूल के पेड़ों के साथ ऋषि खेती करने
सुबबूल दलहन जाती के पेड़ हैं ये अपनी छाया के छेत्र में खाद और पानी का प्रबंध करते हैं फसलों को बीमारियों से बचाते हैं। इस वीडियो को देखें
बीज गोलिया बनाकर  ऋषि खेती करना। क्ले मिटटी जिस से मिटटी के बर्तन बनाए जाते हैं में असंख्य सूख्स्म जीवाणु रहते हैं जो खेत में खाद बनाने  का काम करते हैं इस मिटटी से बीज गोलिया बनाकर सीधे फेंकने  भर से बुआई काम हो जाता है। 
इनको बनाने के लिए इस वीडियो को  देखें 


इसके बाद कोई प्रश्न हो तो कृपया इस नंबर पर फोन करें 9179738049 . 

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