जंगली खेती कैसे करें ?
जंगली खेती जिसे नेचरल फार्मिंग कहा जाता है जिसकी खोज जापान के जाने माने कृषि वैज्ञानिक श्री मस्नोबू फुकुओका जी ने की है। इस खेति में जुताई ,यूरिया ,कम्पोस्ट,जीवामृत और कोई भी कीट नाशक या खरपतवार नाशक का उपयोग नहीं किया जाता है। यह शतप्रतिशत पर्यावरणीय खेती है।
इसको करने के लिए बीजों की बीज गोलियां बनाई जाती हैं। बीज गोलियों को बनाने के लिए क्ले मिट्टी का उपयोग किया जाता है। यह मिट्टी बिना जुताई वाले उपजाऊ इलाके में मिलती है जिसे नदी नालों की कगारों या तालाब के नीचे से भी इकठ्ठा किया जाता है यह वही मिटटी है जिस से मिटटी के बर्तन बनते हैं। इसको परखने के लिए इस विडिओ को देखें।बरसात में जब सूखी मिटटी नहीं मिलती है तो सूखे गोबर (उपलों ) का पाउडर भी इस्तमाल किया जा सकता है। इसमें थोड़ी क्ले भी मिलाने से जीवाणुओं का संचार हो जाता है।
हम हमेशा मिश्रित असिंचित खेती करने की सलाह देते हैं तथा अपने दोस्तों को मिश्रित खेती करने के लिए श्री विजय जरदारी जी के द्वारा की जा रही " बारह अनाजी खेती " का नमूना बताते हैं। इस विडिओ को भी देखें
जब बीजों का चुनाव हो जाता है तब हम बीज गोलियों को बनाने के लिए इस वीडियो को बताते हैं यह वीडियो श्री फुकुओकाजी ने स्व तैयार किया है जिसे हमने हिंदी में आवाज देकर किसानो के समझने लायक बनाया है।
यदि सूखी मिट्टी नहीं मिले तो कोई भी गोबर गीला या सूखा मिला ने से भी सुरक्षा मिल जाती है। किन्तु क्ले मिट्टी से बनी मजबूत बीज गोलियों से सही परिणाम मिलते हैं।
यदि सूखी मिट्टी नहीं मिले तो कोई भी गोबर गीला या सूखा मिला ने से भी सुरक्षा मिल जाती है। किन्तु क्ले मिट्टी से बनी मजबूत बीज गोलियों से सही परिणाम मिलते हैं।
जब बीज गोलियां बन जाती है उन्हें बरसात आने तक सुरक्षित रखा जा सकता है जब खेतों में बरसात हो जाती है पर्याप्त नमि रहती है थोड़ी हरयाली भी उग आती है तब इन गोलियों को फेंका जाता है। इन्हे पहले भी फेंक सकते हैं किन्तु बीच में बरसात आकर रुक जाने से बीज ख़राब हो जाते हैं इसलिए हमारी सलाह है इन्हे हरयाली के बीच बरसात में ही फेंका जाए।
हरियाली के बीच बीज गोलियों को बिखराने से वो और अधिक सुरक्षित हो जाती है। खरपतवारों से डरने की जरूरत नहीं है वो तो आती और जाती रहती हैं। खेत को अतिरिक्त उपजाऊ और पानीदार बना देती हैं।
अधिक जानकारी हेतु ++7470402776 पर वाटस एप्प कर सकते हैं।
धान की बीज गोलियां बनाना
सुबबूल के पेड़ों के नीचे धान और तुअर की असिंचित जंगली खेती
धान की बीज गोलियां बनाना
मुंग की बीज गोलियां बनाना
विनय ओझा जी बीज गोलियां बनाना और उगाना
बीज गोलियां डाल कर उपर पुआल फेला दिया है।
सुबबूल के पेड़ों के नीचे धान और तुअर की असिंचित जंगली खेती
धन्यवाद
राजू टाइटस
टाइटस फार्म
होशंगाबाद म प
461001
24 comments:
Thank you so much Sir for sharing such a noble solution to a burning problem of present day agriculture.I personally think the biggest luxury of the present day is to have a poisonless food.
ये बहुत ही सस्ता और उपयोगी फार्मूला है खेती करने का
मेरे विचार से अब किसानों को इस फार्मूले को अपनाना ही होगा क्योंकि रासायनिक खेती ने किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है एक तो रोज रोज का बढ़ता कर्ज और दूसरी तरफ विषैला भोजन दोनों के भयंकर परिणाम भुगत रहा है किसान जंगली खेती एक अच्छा विकल्प हो सकता है आने वाले समय में मैं खुद एक एकड़ में इसे शुरू करने का प्रयास करूंगा
इस मुहिम के लिए आपका दिल से धन्यवाद
धन्यवाद भाई एक एकड़ क्यों? यह भूमि सुधार योजना है।
राजू टाइटस मोबाइल न 9179738049,वाट्सएप 7470402776
I want to know how much thickness of sand quoting
I want to know how much thickness of sand quoting
Very good information
Yeah..bahot hi achchha tarika he...dhnyavad
जंगली खेती करने की पद्धती सबसे आच्छी है ।
खंडोबा
मिट्टी की परत बीज से कम से कम डबल होना चाहिए
https://drive.google.com/file/d/18h2E0OtNDSz8QfTl0jGdm5Kw-G9ZiFg1/view?usp=drivesdk
https://drive.google.com/file/d/18h2E0OtNDSz8QfTl0jGdm5Kw-G9ZiFg1/view?usp=drivesdk
pl.let me know about schdule of traing if.
Nice .. Moreखेती की जानकारी
जंगली खेती करने की पद्धती सबसे आच्छी है ।
मै भी कर रहा हूँ।
Haa bhai ab me bhi karungi jungli kheti
भाई कितने साल से जंगली खेती कर रहे हैं और क्या उत्पादन हो रहा है उसका
मुझे लगता है जंगली खेती हो सकती है पर उसका प्रोडक्शन बहुत ही कम और खराब होता का होगा
नही जंगली खेती में खेत की उपजाऊ और फसल का दोनों अच्छे रहते है https://janglekheti.blogspot.com/?m=1
जंगली खेती एक सफल खेती है
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत भारत सरकार देश के छोटे तथा सीमांत किसानो का समर्थन करते हुए उन्हें बेहतर आजीविका के लिए वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है| प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 1 फरवरी 2019 को केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल जी के द्वारा अंतरिम बजट 2020 के दौरान की गयी थी | किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत देश के सभी छोटे तथा सीमांत किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर तक की खेती योग्य ज़मीन है उन्हें केंद्र सरकार द्वारा सालाना 6000 रूपये की आर्थिक सहायता तीन बराबर (रुपए 2000) किस्तों में प्रदान की जा रही है प्यारे दोस्तों आप प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2019 के ज़रिये किस तरह लाभ उठा सकते है आज हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं|
हमारे देश में हजारों लाखों करोड़ों हेक्टर एकड़ जमीन जिसमें किसी भी प्रकार की फसल की बुवाई नहीं हो रही है खाली पड़ी है बंजर हो चुकी है इस खेती में पार्ट टाइम जॉब करना खेती किसानी से तात्पर्य है हमें जमीन में कुछ ना कुछ काम करना जब हम अपने इसी योग्य जमीन में कुछ नहीं करने से यूं ही छोड़ देते हैं जिसकी वजह से जमीन का पूरा उपयोग हम ना करने की वजह से जमीन से हमें लाभ नहीं मिल पाता
हमारी कृषि योग्य भूमि की सुरक्षा से संबंधित पर्याप्त उपाय कर दिया जाए और सिंचाई से संबंधित जो भी पद्धति है उसे अपना लिया जाए फिर हम उसमें अगर खेती करते हैं तो हमें उसमें से लाभ मिल सकता part time job जंगली खेती में हमें देसी बीज का चुनाव करना चाहिए देसी बीज भी पूरी तरह से ऑर्गेनिक रहती है
हल्दी से संबंधित विशेष जानकारी
जंगली खेती में देसी बीज का चुनाव
जंगली खेती से पार्ट टाइम में लाभ जंगली खेती का सिद्धांत part time job
खेत के जो भी खरपतवार और जीवाश्म में रहते हैं उसे खेत में ही जमीन में सुला दिया जाता है खरपतवार और जीवाश्म कि मंचिंग को हो जाने से खेत की उपजाऊ और उर्वरा शक्ति बढ़ जाती
धान का फसल फलिया निकलते हुये दिखाईये
कृषि ई-मार्केटप्लेस किसानों को एकीकृत ज्ञान और सस्ती कृषि-सेवाएं प्रदान करता है।
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