असली खाद्य
सुरक्षा की जड़ खेती किसानी मे है जिसका हाल बहुत बुरा है किसान गरीब हो रहे हैं
वे आत्म हत्या कर रहे हैं।खेत बंजर हो रहे हैं सूखा और बाढ़ आम हो गए
हैं।ऐसा आधुनिक वैज्ञानिक खेती के कारण है। जमीन की जुताई और रसायनों के उपयोग
के कारण उर्वरकता का छरण हो रहा है, भूजल घट रहा है ,प्रदुषण
चरम सीमा पर है।ऐसे में भोजन की कोई गारेंटी नहीं है।
कमजोर किसानो को
दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ बड़े किसान उठा रहे हैं वे आयातित तेल के सहारे खूब अनाज पैदा कर रहे
हैं जो सामान्य बाजार में नहीं बिकता है जिसे सरकार ऊंची कीमत देकर खरीद
रही है जिसके भण्डारण की समस्या है।यह सड़ रहा है। जिसे सरकार सस्ते दाम पर गरीबों में
बाँट रही है। जब आयातित तेल की गारेंटी नहीं तो उसके बल पर पैदा किए जा
रहे भोजन की क्या गारेंटी है ?
No comments:
Post a Comment