Wednesday, October 18, 2017

एक तिनके से आई क्रांति गेंहू ,चावल औऱ सरसो की कुदरति खेती



एक तिनके से आई क्रांति  गेंहू ,चावल औऱ सरसो की कुदरति खेती

जुताई नहीं, यूरिया नहीं ,जैविक खाद नहीं ,जीवाणु खाद नहीं ,कल्चर और जहर नहीं ,निंदाई नहीं ,पानी भरना नहीं ,रोपा लगाना नहीं 




धान की खड़ी फसल के ऊपर गेंहू के  बीज फेंके जा रहे हैं 

फुकुओका जी गेंहू की खड़ी फसल में धान की

बीज गोलियों को फेक रहे हैं 

धान की गोलियों से धान के रोपे निकल आये है

ऊपर सरसों और गेंहू की नरवाई फेंकी गई है  


धानके पुआल से  झांकते गेंहूँ के नन्हे पौधे

गेंहू की खड़ी फसल में धान की गोलियां डाली गई थीं 

धान  की कटाई के बाद पुआल को फैला दिया गया है 

धान के पुआल में से निकलते सरसों के नन्हे पौधे 

सरसों के बीजों को बिखरा कर धान की पुआल

 को फैला दिया गया है 

सरसों के बढ़ते पौधे पुआल नीचे बैठ रहा है  

धान की गोलियों में से रोपे गेंहू की नरवाई में से 

बाहर निकल रहे हैं बिना पानी वाला खेत फुकुओकाजी का है 

धान की तैयार फसल 

लाल धान की फसल 

धान की तैयार फसल 

गेहू के नन्हे पौधों के ऊपर पुआल फैला दिया गया है 

धान की खेती में पानी नहीं भरा जाता है वरन पानी की

 निकासी की जाती है इसके लिए नाली बनाई जाती है।   

गेंहू के नन्हे पौधे पुआल सब नीचे बैठ गया है 

गेंहू की फसल 

गेंहू की तैयार फसल इसमें धान की गोलियां डाली गई हैं 

सरसों की फसल 

वन स्ट्रॉ रिवोल्यूशन के अनुवादक श्री लेरी  कॉर्न

और फुकुओकाजी गेंहू की फसल के बीच में  

क्ले से बनी बीज गोलियां गले लटका कर फेंकी जा रही है 

धान बढ़ रही है साथ में खरपतवारें भी बढ़ रही है

 यहां वो नुक्सान नहीं करती है वरन  फायदा पहुंचाती हैं

नमि का प्रबंध ,खरपतवारों का नियंत्रण ,बीमारी की रोकथाम 

पनपते गेंहू के ऊपर से धान को कटाई की जा रही है

गेंहू के नन्हे पौधे पांव से कुचल कर फिर सीधे हो जाते हैं 



 

गेंहू के रोपों के ऊपर धान की पुआल डाली जा रही है 



Tuesday, October 17, 2017

सुबबूल के पेड़ों के साथ गेंहू की खेती और पशु पालन

 जुताई ,यूरिया ,गोबर ,कीट और खरपतवार मारक जहर नहीं 

सुबबूल  एक दलहन जाती का पेड़ होता है।

जो अपनी छाया  के छेत्र में लगातार कुदरती यूरिया (नत्रजन ) सप्लाई करने का काम करता है।

इसकी लकड़ी पेपर बनाने ,फर्नीचर बनाने और जलाऊ के काम आती है। इसका चारा बहुत पोस्टिक होता है।

इसके साथ गेंहू की बिना जुताई ,बिना खाद की खेती आसानी से हो जाती है। गेंहू और चावल की उत्पादकता और गुणवत्ता सबसे अधिक मिलती है। 

 यह पेड़ जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सूखा और बाढ़ का भी नियंत्रण करता है। 

इसकी पत्तियों का हरा रस बीमारियों में दवाई के काम आता है। पत्तियों को बकरियां बड़े शौक से खाती हैं। एक एकड़ से फसलों के आलावा लकड़ियों और पशु पालन से अतिरिक्त आमदनी मिलती

जलाऊ लकड़ियों का यह भण्डार है जितना काटो उतना तेजी से बढ़ता है। आज कल जलाऊ लकड़ी की गंभीर समस्या चल रही है। जिसका सबसे अधिक असर गरीब परिवारों पर पड़ रहा हम इसे बाजार  कीमत पर बेचते हैं। जिस से यह काम समाज सेवा
बन जाता है। 

हमने पाया है पशु पालन में बकरी पालन सबसे अधिक फायदे का है सुबबूल के सहारे हमारा बकरी पालन एक लाभप्रद ढांडा बन गया है। यह एटीएम जैसा है।