Saturday, November 28, 2015

कुछ मत करो चिकित्सा



Do Nothing 

कुछ मत करो चिकित्सा


मेरी उम्र ७० साल है मेरा वजन बहुत है चलने में परेशानी होती है। मुझे दो बार शुगर की वजह से हार्ट अटैक आ चुका  है।  चिन्नई के अपोलो में मझे स्टंट लगा दिया है। मेरी दोनों आँखों में मोतिया बिन्द  के कारण लेंस लग गए हैं। शुगर के कारण मेरी जिंदगी बेकार समझ  में आने लगी थी। मेने हर प्रकार के इलाज रासायनिक ,आयुर्वेदिक  ,होम्योपैथिक ,कुदरती सब कुछ कराया किन्तु मुझे लाभ नहीं मिला।
मेरी पत्नी जी को भी शुगर और बी पी की शिकायत है वे भी रासायनिक दवाओं के भरोसे जिंदगी जी रही है।
हम दोनों शहरो में पढ़े लिखे हैं मेरी पत्नी ग्रहणी हैं। मै  सरकारी सेवा में कार्यरत रहा। उसी दौरान मुझे अटैक आये थे।  लाखों रूपये इलाज में खर्च किए। किन्तु कोई फायदा नहीं मिला।

कुछ साल तो में गोलियां खाता रहा बाद में बंद कर दिया इन्तु शुगर और बी पी की समस्या जहाँ कि तहां रही मेरी पत्नी शालिनी जी को भी अनेक बार इलाज के लिए डाक्टरों के पास ले जाना पड़ा था।

हम पिछले 30 सालो से" Do Nothing " सिद्धांत पर आधारित ऋषि खेती का अभ्यास और प्रचार प्रसार कर रहे है। अपने को खान पान से नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे है। उस से हम अभी तक बचे रहे। किन्तु बीमारी बनी रही।

जैसा की मेरे FB दोस्तों को पता है की में समय समय पर लिखता रहता हूँ मेरी दोस्ती विपिन गुप्ताजी  से हुई वे
फार्माश्यूटिकल के विशेषज्ञ है।  वे अनेक साल मेडिकल कालेज में पढ़ाते  रहे किन्तु अब उन्होंने नौकरी को छोड़ कर "दवा कम " विषय पर काम करना शुरू किया है। वे भोपाल में रहते है मधु मेह ,मोटापा और थायरोड के इलाज हेतु  "दवा कम " कर कुछ मत करो विधि से इलाज करते हैं।

वे ऋषि खेती फार्म देखने अपनी पत्नी और दोस्त के साथ पधारे थे।  फार्म को देख कर बहुत खुश  हुए। हमने उन्हें इस फार्म में  शिविर लगाने हेतु निवेदन किया  जिसे उन्होंने  स्वीकार कर लिया , बांतो बांतो में मेने मेरी और अपनी पत्नी की व्यथा का जिक्र किया उन्होंने हमे "कुछ मत करो " पद्धति से इलाज बताया चूंकि हम इस विधि से खेती कर रहे रहे थे हमे पूरा विश्वाश हो गया कि इस से हम स्वस्थ हो सकते हैं तथा और लोगों को भी स्वस्थ कर सकते हैं।

शालिनी जी की तबियत मात्र एक दिन में नियंत्रित हो गयी मुझे करीब एक सप्ताह में आराम लग गया है। अब विपिनजी ने हमे उनके बताए अनुसार रहने की सलाह दी है। जो बहत आसान है।  मुझे ऐसा लग रहा है की मुझे एक नयी जिंदगी मिल गयी है।
मेरा तमाम मेरे FB दोस्तों से गुजारिश है की वे अपनी बीमारियों के लिए विपिन गुप्तजी सम्पर्क कर सकते हैं उनका तरीका हम सब को चिकत्सा के छेत्र में हो रही धोकाधडी से बचा सकता है। 

2 comments:

Generation Next said...

Good one

Generation Next said...

Please share phone no of vipin ji
Regards

Sankalp