Tuesday, June 27, 2017

देशी बबूल

देशी बबूल 

देशी बबूल एक द्विदल कांटे वाला पेड़ है ऋषि खेती में इसका विशेष महत्व है। यह जमीन से जितना ऊपर होता है अपनी छाया  के छेत्र में लगातार कुदरती यूरिया सप्लाई करने का काम करता है। यदि इस पेड़ को एक चौथाई एकड़ में १० पेड़ों के हिसाब से स्थान मिल जाये तो खेत को कभी भी गैर कुदरती यूरिया की जरूरत नहीं पड़ेगी। बिना जुताई की कुदरती खेती में यह बहुत महत्व का पेड़ है।  यह अपने आप खेतों में पनपता रहता है किन्तु जुताई करने वाले किसान इसे काटते और मारते रहते हैं। उन्हें छाया  का डर रहता है।  यह पेड़ जब एक बार ऊग  जाता है आसानी से मरता नहीं है इसमें कांटे रहते हैं। इस कारण यह मवेशियों से बचे रहते हैं। 

 

हम इस पेड़ की सीड बाल बनाकर यहां वहां फैलाते जा रहे हैं जो किसान बिना जुताई की कुदरती खेती करना चाहते हैं वे इन पेड़ों से दुश्मनी छोड़ कर इन्हे अपना लें  यह हमारे मवेशियों और हमारे खाने पीने की समस्या को हल कर देंगे। इनके साथ गेंहूं चावल की खेती आसानी से हो जाती है। 

धन्यवाद 

राजू  टाइटस 

917973 8049 

1 comment:

Amar singh dewal said...

देशी बबूल की छाया जहाँ तक जाती है वहा पर तो गेहूँ उगते भी नही है