Thursday, June 8, 2017

मूंग की खेती के बाद करें बिना जुताई धान की खेती

मूंग  खेती के बाद करें बिना जुताई धान की खेती 


धान में खरपतवार नियंत्रण 


न दिनों आपके खेत में मूंग की फसल पक रही है। उस को सुखाने के लिए जहर का छिड़काव इसलिए किया जाता है जिससे वह सूख जाये इस से उत्पादन  प्रभावित होता है साथ में फसल भी जहरीली हो जाती है।  मूंग में फलियां लगती रहती हैं पहले की फलियां पक  कर सूखने लगती हैं। इन्हे हाथों से तुड़वाने से उत्पादन अधिक मिलता है।

R A Ull जी  के खेत की मूंग 
दूसरा इसका यह फायदा रहता है की खेत मूंग के पौधों से ढंका रहता है। इसलिए उसमे आगे खरपतवारों की समस्या भी नहीं रहती है। इस ढकवान में बरसात आने पर मूंग उड़द और धान के बीजों को क्ले के साथ मिला कर गीली सीड बाल छिडकी जा सकती हैं।  जिस से हमे फिर से मिश्रित फसल मिल  जाएगी साथ में खेत में भरपूर कुदरती यूरिया भी मिल जायेगा जिसके सहारे गेंहूं की कुदरती फसल भी आसानी से ली जा सकती है।
गेंहूं की फसल के धान काट्ने से पहले ही खेत में गेंहूं के बीज छिड़क दिए जा सकते हैं। उनके जमने के बाद धान की फसल को काट कर धान को झाड़ कर पुआल को उगते हुए गेंहूं पर  फेंक दिया जाता है।

फ़ोटो: THE ONE STRAW REVOLUTION
I believe that a revolution can begin from this one strand of straw. Seen at a glance, this rice straw may appear light and insignificant. Hardly anyone would believe that it could start a revolution. But I have come to realize the weight and power of this straw. For me, this is revolution is very real.
एक तिनके से आई क्रांति. 
मेरे मानना है की धान के पुआल के एक तिनके से बहुत बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है. देखने में ये तिनका बहुत छोटा सा और बेकार नजर आता है. किसी को भी  विश्वाश नहीं होगा की ये किसी क्रांति को जन्म दे सकता है. किन्तु मुझे इस तिनके की ताकत और छमता का आभास हो गया है. ये वास्तविक क्रांति है.
धान की पुआल से निकलते गेंहूं के नन्हे पौधे 
इस प्रकार की धान की खेती में पानी भरा नहीं जाता है वरन उसकी अच्छे से निकासी की जाती है जरूरत पड़ने पर नालियां बना ली जाती हैं।
   
फ़ोटो: RICE STRAW SCATTERED OVER GERMINATING WINTER CROP.
पानी की निकासी के लिए बांयी गयी नालियां 

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