मूंग खेती के बाद करें बिना जुताई धान की खेती
धान में खरपतवार नियंत्रण
इन दिनों आपके खेत में मूंग की फसल पक रही है। उस को सुखाने के लिए जहर का छिड़काव इसलिए किया जाता है जिससे वह सूख जाये इस से उत्पादन प्रभावित होता है साथ में फसल भी जहरीली हो जाती है। मूंग में फलियां लगती रहती हैं पहले की फलियां पक कर सूखने लगती हैं। इन्हे हाथों से तुड़वाने से उत्पादन अधिक मिलता है।
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R A Ull जी के खेत की मूंग |
दूसरा इसका यह फायदा रहता है की खेत मूंग के पौधों से ढंका रहता है। इसलिए उसमे आगे खरपतवारों की समस्या भी नहीं रहती है। इस ढकवान में बरसात आने पर मूंग उड़द और धान के बीजों को क्ले के साथ मिला कर गीली सीड बाल छिडकी जा सकती हैं। जिस से हमे फिर से मिश्रित फसल मिल जाएगी साथ में खेत में भरपूर कुदरती यूरिया भी मिल जायेगा जिसके सहारे गेंहूं की कुदरती फसल भी आसानी से ली जा सकती है।
गेंहूं की फसल के धान काट्ने से पहले ही खेत में गेंहूं के बीज छिड़क दिए जा सकते हैं। उनके जमने के बाद धान की फसल को काट कर धान को झाड़ कर पुआल को उगते हुए गेंहूं पर फेंक दिया जाता है।
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धान की पुआल से निकलते गेंहूं के नन्हे पौधे |
इस प्रकार की धान की खेती में पानी भरा नहीं जाता है वरन उसकी अच्छे से निकासी की जाती है जरूरत पड़ने पर नालियां बना ली जाती हैं।
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पानी की निकासी के लिए बांयी गयी नालियां |
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