कुदरती आहार में भ्रम की स्थित
फुकुओका (एक तिनका क्रांति )
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इंटरनेट से लिया गया चित्र |
वहां उस पहाड़ी पर बनी झोपडि़यों में आकर तीन साल तक रहे एक युवक ने एक मरतबा मुझसे कहा था, ‘आपको पता है, जब लोग प्राकृतिक खाद्यों की बात करते हैं तो मैं नहीं जानता कि, तब उससे उनका मतलब क्या होता है।’
जरा सोचने पर पता लगता है कि, ‘प्राकृतिक खाद्य’ शब्दों से तो हर कोई परिचित है, लेकिन वह वास्तव में क्या होता है, इसे बहुत कम लोग समझ पाते हैं। ऐसे कई लोग हैं जो मानते हैं कि, प्राकृतिक आहार ऐसी चीजें खाना है, जिनमें कोई कृत्रिम रसायन या अतिरिक्त चीज न मिली हो। कुछ अन्य का कुछ ऐसा अस्पष्ट सा सोच होता है कि खाद्यों को वैसा खा लेना जैसा कि वे प्रकृति में मिलते हैं, यही प्राकृतिक आहार होता है।
यदि आप किसी से पूछें कि, खाना पकाने में नमक और आग का प्रयोग प्राकृतिक है या अप्राकृतिक तो,
' इसका जवाब दोनों रूप में प्राप्त हो सकता है।
यदि आदि मानव का आहार , जिसमें जंगलों में रहने वाले प्राणी तथा पौधे ही होते थे, ही प्राकृतिक हैं तो नमक और आग के प्रयोग पर आधारित आहार को प्राकृतिक नहीं कहा जा सकता।
मगर यह दलील दी जाती है कि अग्नि और नमक के उपयोग की जिस जानकारी को मानव ने आदि काल में ही प्राप्त कर लिया था वह उसकी कुदरती नियती ही थी तो उस ढंग से तैयार भोजन पूरी तरह से प्राकृतिक ही माना जाएगा।
अच्छा खाना कौन सा है? वे जंगली पदार्थ जो प्रकृति में जैसे हैं वैसे के वैसे ही खाए जाएं या वह भोजन किया जाए जिसे तैयार करने में मानवी
तकनीकों का उपयोग किया गया हो? क्या जुताई करके उगाई हुई फसलों को प्राकृतिक कहा जा सकता है? आखिर प्राकृतिक और अप्राकृतिक के बीच सीमा-रेखा आप कहां खींचते हैं।
Confusion about Food
Fukuoka (The one straw revolution )
A young fellow who had stayed three years in one of the huts on the mountain said one day, "You know, when people say 'natural food' I don't know what they mean any more." When you think about it, everybody is familiar with the words "natural food," but it is not clearly understood what natural food actually is. There are many who feel that eating food, which contains no artificial chemicals or additives, is a natural diet, and there are others who think vaguely that a natural diet is eating foods just as they are found in nature. If you ask whether the use of fire and salt in cooking is natural or unnatural, one could answer either way. If the diet of the people of primitive times, eating only plants and animals living in their wild state, is "natural," then a diet which uses salt and fire cannot be called natural. But if it is argued that the knowledge acquired in ancient times of using fire and salt was humanity's natural destiny, then food prepared accordingly is perfectly natural. Is food to which human techniques of preparation have been applied good, or should wild foods just as they are in nature be considered good? Can cultivated crops be said to be natural? Where do you draw the line between natural and unnatural?
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