वैज्ञानिक खेती जिस के बल पर देश की खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण की जिम्मेवारी है उसका यह हाल है।
बिना जुताई की कुदरती को हम पिछले ३० सालो से करते हुए खेत और किसानो को बचाने के लिए निजी स्तर पर कार्य कर रहे हैं। हमारे खेतों का सम्बन्ध केवल अनाज पैदा करना नहीं है इनका बहुत बड़ा योगदान हमारे पर्यावरण को बचाने का भी है यह बेरोजगारी को दूर करने महामारियों को रोकने का जरिया है फिर क्यों उपेक्षित है ?आज किसान मर रहे हैं कल हम मरने वाले हैं।
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