क्या ऋषि खेती एक लाभ का धंधा बन सकती है ?
ऋषि खेती के प्रणेता फुकूओकाजी ने कहा था कि भारत को "अमेरिका, जापानऔर जर्मनी " आदि के विकास की नकल नहीं करना चाहिए क्योंकि वो स्वम् "हिंसात्मक " विकास के कारण पिछड़ते जा रहे हैं।
आज हमारे फेस बुक मित्र हमारे फार्म पर पधारे वो यह जानना चाह रहे थे की क्या ऋषि खेती एक लाभ का धंधा बन सकती है? उन्हें ऋषि खेती के विषय में youtube के विडिओ से जानकारी मिली थी। ऋषि खेतों के पूरे भ्रमण और अच्छी खासी चर्चा के उपरांत हमारे मेहमानो ने इसे हरी झंडी दिखा दी है।
आज जब पढ़े लिखे लोगों के सामने रोजगार का भारी संकट खड़ा है और उधोगों में तरक्की रुक गयी है और खेती एक घाटे का सौदा बन रही है ,सरकारें विकास के लिए विदेशों की ओर टकटकी लगा रही हैं ऐसे में इन साहसी लोगों का हम सम्मान करते हैं। जिन्होंने ऋषि खेती को एक उधोग के रूप करने का फैसला ले लिया है।
हमारे ये मेहमान जो की उधोगों में अपनी किस्मत आजमा रहे का ऋषि खेती की और मुड़ना ऋषि खेती के अच्छे भविष्य की और इशारा कर रहा है।
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