गाजर घास के भूमि ढकाव में करें ऋषि खेती
गाजर घास जिसे पार्थेनियम कहा जाता है , यह बहुत बदनाम वनस्पति है इसके पीछे अनेक भ्रान्ति हैं। यह कहा जाता है की इस से अनेक प्रकार की बीमारियां होती हैं। इसलिए अनेक दवाइयां कम्पनिया बना रही हैं।
जबकि यह बिना जुताई की कुदरती खेती में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जब खेतों में जुताई नहीं की जाती है तो गाजर घास जैसी वनस्पतियां खेतों को ढँक लेती हैं। क्योंकि धरती माँ असंख्य जीव जंतुओं ,कीड़े मकोड़ों का घर रहती है। इन जैव-विवधताओं को ऐसे ढकाव की जरूरत रहती है जिसमे वो आसानी से पनप सकें। ये जैव-विवधताएँ अपने जीवन चक्र के जरिये खेत में उन तमाम पोषक तत्वों की आपूर्ति कर देते हैं जिनकी हमारी फसलों को जरूरत रहती है। जिसके कारण किसी भी प्रकार की खाद की जरूरत नहीं रहती है।
दूसरा यह अपने नीचे से उन तमाम नींदों को भी साफ़ कर देती है जो हमारी फसलों में अवरोध उत्पन्न करते हैं।
तीसरा गाजर घास की जड़ें खेत की अच्छे से जुताई कर देती हैं इसमें इनका साथ केंचुए जैसे अनेक जीव जंतु देते हैं।
गाजर घास का यह भूमि ढकाव इनके साथरहने वाले पेड़ों को भी बहुत लाभ पहुंचती है उनकी बढ़वार अच्छी होती है ,नमि का संरक्षण रहता है तथा बीमारियां नहीं लगती हैं।
इस ढकाव में फसलों को लेने के लिए सीधे या सीड बॉल बना कर बीज डाल दिए जाते हैं तथा इसे काट कर वहीं बिछा दिया जाता है। दूसरा तरीका जो उत्तम है इन्हे पांव से चलने वाले
क्रिम्पर से सुला दिया जाता है। इसका फायदा यह रहता है की गाजर घास एक दम मरती नहीं है जिस से अन्य नींदे नियंत्रित रहते हैं और सोयी हुई गाजर घास तेजी से नमि और पोषक तत्वों को खींचती है जो हमारी फसलों को मिलती है जिस से बंपर उत्पादन प्राप्त होता है।
गाजर घास को कोई जानवर नहीं खाता है इसलिए इसके लिए फेंसिंग की जरूरत नहीं रहती है। इसके ढकाव में हर प्रकार की फसलें आनाज ,सब्जियां ,फल के पेड़ अच्छे पनपते हैं।
गाजर घास में गेंहूं बिना जुताई खाद दवाई की खेती
दूसरा यह अपने नीचे से उन तमाम नींदों को भी साफ़ कर देती है जो हमारी फसलों में अवरोध उत्पन्न करते हैं।
तीसरा गाजर घास की जड़ें खेत की अच्छे से जुताई कर देती हैं इसमें इनका साथ केंचुए जैसे अनेक जीव जंतु देते हैं।
गाजर घास का यह भूमि ढकाव इनके साथरहने वाले पेड़ों को भी बहुत लाभ पहुंचती है उनकी बढ़वार अच्छी होती है ,नमि का संरक्षण रहता है तथा बीमारियां नहीं लगती हैं।
इस ढकाव में फसलों को लेने के लिए सीधे या सीड बॉल बना कर बीज डाल दिए जाते हैं तथा इसे काट कर वहीं बिछा दिया जाता है। दूसरा तरीका जो उत्तम है इन्हे पांव से चलने वाले
क्रिम्पर से सुला दिया जाता है। इसका फायदा यह रहता है की गाजर घास एक दम मरती नहीं है जिस से अन्य नींदे नियंत्रित रहते हैं और सोयी हुई गाजर घास तेजी से नमि और पोषक तत्वों को खींचती है जो हमारी फसलों को मिलती है जिस से बंपर उत्पादन प्राप्त होता है।
गाजर घास को कोई जानवर नहीं खाता है इसलिए इसके लिए फेंसिंग की जरूरत नहीं रहती है। इसके ढकाव में हर प्रकार की फसलें आनाज ,सब्जियां ,फल के पेड़ अच्छे पनपते हैं।
गाजर घास में गेंहूं बिना जुताई खाद दवाई की खेती
गाजर घास में गेंहूं की खेती |
गाजर घास से भरा खेत इसमें गेंहू बोया है। |
6 comments:
अत्यंत ज्ञानवर्धक जानकारी।
धन्यवाद।
Good info.
https://drive.google.com/file/d/18-ufFsRoLUb6w8FnCv_g82lXzxXetooS/view?usp=drivesdk
यह लिंक इस लेख का ऑडियो है सुने
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https://www.merikheti.com/prakritik-kheti-ya-natural-farming-me-jal-jungle-jameen-sang-insaan-ki-sehat-se-jude-hain-raaj/
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