Monday, May 23, 2016

माननीय शिवराज सिंह जी ने कहा "हम ऋषि खेती करेंगे "

 माननीय शिवराज सिंह जी ने कहा "हम ऋषि खेती करेंगे "

जुताई और रसायनों का अनुदान बंद होगा 

खुशहाली का मंत्रालय बनेगा : ' जिओ और जीनो दो की नीति बनेगी '

धर्म और विज्ञान का समन्वय स्थापित होगा 

माननीय मुख्य्मन्त्री श्रीमान शिवराज सिंह जी ने २०१६ के वैचारिक कुम्भ की शुरुवाद  करते हुए कहा की हम हमारे प्रदेश में तमाम अच्छाई के बावजूद जलवायू परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या के कारण जन जीवन प्रभावित हो रहा है। नदियां सूख रही हैं  कृषि रसायनों के कारण नदियों का पानी जहरीला हो रहा है उनका अस्तित्व खतरे में हैं नदियां नहीं रहेंगी तो हम भी नहीं रहेंगे।

इसलिए हमने निर्णय लिआ  है की हम ऋषि खेती करेंगे और खूब पेड़ लगाएंगे जिस से आवोहवा ,रोटी और मानवीय प्रदूषण कम होगा इसके लिए हम अलग से एक मंत्रालय बनाएंगे जिसका नाम" खुशहाली "  होगा। हम  किसानो से कहेंगे बिना जुताई की कुदरती /जैविक खेती करें उसके लिए सरकार जोखिम उठाने  के लिए आर्थिक मदद देगी।

बिना -जुताई और बिना रसायनों से की जाने वाली खेती की विधियों को ऋषि खेती का नाम दिया गया है। यह खेती छोटे और बड़े सभी खेतों पर की जा सकती है। जिसमे बिना जुताई की कुदरती खेती ,बिना जुताई की जैविक खेती ,बिना जताई और बिना रसायन की संरक्षित खेती की विधियां आम हैं।

असल में कुदरती खेती जो पूरे विश्व में नेचरल  फार्मिंग के नाम से जानी जाती है की शुरुवाद जापान के मसनोबु फुकुोकजी ने की है। इसे हमने भरत में करने के लिए ऋषि खेती का नाम दिया है।  असल में ऋषि खेती नाम आचार्य विनोबा भावे जी का है। उनका कहना है की भारत  गांव में बसता है जो खेती किसानी पर आश्रित है।
उन्होंने हर हाथ को काम मिले और हमारा पर्यावरण संरक्षित रहे के लिए टिकाऊ विकास की पहली सीढ़ी के लिए ऋषि खेती  को चुना था। किन्तु अफ़सोस की बात है की किसीभी राजनेता ने ऋषि खेती करने की बात नहीं की यह पहली मर्तवा है जब हमारे प्रदेश के मुख्य मंत्रीजी ने ऋषि खेती करने का आव्हान किया है।

ऋषि खेती छोटे और बड़े सभी  प्रकार के खेतों में के जा सकती है इसमें मशीनों का उपयोग भी किया जा सकता है। जिसमे  जीरो टिलेज सीड ड्रिल ,क्रिम्पर रोलर ,हार्वेस्टर आदि समान्य हैं। छोटे छोटे खेतों में पेड़ों के साथ यह खेती बहुत सफल है जिसे  महिला और बच्चे भी आसानी से कर सकते है।

ऋषि खेती एक और जहां हवा ,पानी और रोटी की खेती है इस से रोजगार के लिए बहुत अवसर मिलते हैं। यह योजना भूमिहीन किसानो के बहुत फायदे की है। इसे मनरेगा से साथ भी जोड़ा जा सकता है। ऋषि खेती धर्म और विज्ञान का दर्शन है।

हम ऋषि खेती करने के आव्हान के लिए माननीय मुख्य मंत्रीजी के बहुत आभारी हैं।


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