किसानो की आत्महत्याओं की खबरें
आज हर कोई किसानो के द्वारा की जा रही आत्महत्याओं की अनदेखी कर रहा है किन्तु कल निश्चित हर किसी को इस पर ध्यान देना लाजमी हो जाएगा । क्योंकि आत्महत्याओं के पीछे धरती माँ की बीमारी है वह खेती करने की गैर कुदरती तकनीक के कारण बीमार होकर बेहोश हो गयी है। जो जहर आज किसान गटक कर मर रहे हैं वह जहर हमारी रोटी में भी तेजी से घुल रहा है। पंजाब जिसे देश का सबसे उन्नत प्रदेश माना जा रहा है वहां हर घर में कैंसर का खतरा मंडरा रहा है। इसका मूल कारण रासायनिक जहर हैं जो खेतों में डाले जा रहे हैं।
मध्य भारत भी इस से अछूता नहीं सोयाबीन ,उड़द ,मूंग धान आदि फसलें नस्ट हो गयी हैं। अनेक किसानो केआत्महत्याएं करने मामले अब यहां भी सुनायी देने लगे हैं। आमआदमी इसलिए इसलिए आँख और कान बंद कर रहा है क्योंकि वह सोचता है की में किसान नहीं हूँ। किन्तु जब यह जहर हमारे खून में पाया जाने लगेगा और डाक्टर कहेगा की आप को कैंसर है तब बहुत देर हो चुकी होगी। इसलिए हमे उन प्रयासों में सहयोग करने की जरूरत है जिनसे खेत और किसान की मौत रुके।
हम विगत ३० सालो से आत्मनिर्भर कुदरती खेती कर रहे हैं हमारी धरती माँ भी जुताई और रासायनिक जहरों के कारण मरणावस्था में पहुँच चुकी थीं किन्तु कुदरती खेती के ज्ञान ने हमारे खेतों और हमको को बचा लिया है हम चाहते हैं आमआदमी जो रोटी खाता है वह इस हकीकत को समझे इस से मुंह न मोड़े।
No comments:
Post a Comment