Thursday, June 18, 2015

धान का पुआल रोकेगा किसानो की आत्महत्या

धान का पुआल रोकेगा किसानो की आत्महत्या  

राजू टाइटस कुदरती खेती के किसान 

मेरा मानना है की धान के पुआल से खेती किसानी में बहुत  बड़े बदलाव की शुरुवाद हो सकती है। सामन्यत: किसान इस पुआल को बेकार समझते हैं शायद ही किसी को  भरोसा हो की यह बेकार समझा जाने वाला धान का पुआल खेती में एक बहुत ही बड़ी क्रांति की शुरुवाद कर सकता है। 


हम ठण्ड के मौसम में धान को काटने के बाद गेंहूँ के बीज बिना जुते  हुए खेतों में सीधे बिखरा देते हैं  और उनके ऊपर धान की पुआल को बिखरा देते हैं जैसे वो अपने आप  कुदरती गिर जाती है। इसमें किसी भी प्रकार की रासायनिक या जैविक खाद डालने की जरूरत नहीं रहती है उत्पादन सबसे उत्तम वैज्ञानिक खेती के बराबर मिलता है। सिंचाई की मांग भी बहुत कम हो जाती है।
















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