Monday, June 9, 2014

ऋषि खेती और क्लायीमेट चेंज

ऋषि खेती और क्लायीमेट  चेंज 


माननीय जावडेकरजी पर्यावरण मंत्रीजी को पत्र 


आदरणीय महोदय ,
नमस्कार

हम पिछले २७ सालो से अपने पारिवारिक फार्म पर जापान के जाने माने  कृषि वैज्ञानिक स्व. मस्नोबू फुकूओकाजी के द्वारा अविष्कारिक कुदरती खेती (ऋषि खेती ) का अभ्यास कर रहे हैं और इसके प्रचार प्रसार में लगे हैं। यह खेती बिना जुताई और रसायनो से की जाती है। इसमें सिंचाई और मशीने  भी जरूरी नहीं है।  इसको करने से आधुनिक खेती की तुलना में ८०% खर्च कम हो जाता है, फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता सबसे अधिक रहती है। यह खेती जमीन पर रहने वाले तमाम जीव जंतु ,कीड़े मकोड़े , पेड़ पौधों ,सूक्ष्म जीवाणुओं की सुरक्षा कर की जाती है।

इस खेती को करने से पूर्व हम आधुनिक खेती का अभ्यास करते थे जिस से हमारे खेत मरुस्थल में तब्दील हो गए थे और हम आत्महत्या करने की स्थिती में पहुँच गए थे किन्तु फुकूओकाजी के अनुभवों की किताब "दी वन स्ट्रा रिवोलुशन " ने हमारी ऑंखें खोल दी और हमने तुरंत कुदरती खेती को अपना लिया जिस से हमारे खेत हरे भरे ,पानीदार और ताकतवर बन गए हैं।
ऋषि खेती के जनक स्व. फुकूओकाजी  और उनकी किताब 

महोदय खेती करने के लिए की जा रही जमीन की जुताई  हजारो सालो से एक पवित्र काम के रूप
जानी जाती है।  किन्तु यह हमारे पर्यावरण के लिए सबसे अधिक हानिकर उपाय सिद्ध हुई है। इस से एक और जहाँ हमारे वन ,स्थाई चरोखर और बाग़ बगीचे खत्म होते जा रहे हैं वहीँ क्लीमेंट चेंज ,ग्लोबल वार्मिंग ,और ग्रीन हॉउस गैस के उत्सर्जन की समस्या गहराती जा रही है।

जबकि ऋषि खेती करने से मरुस्थल हरियाली में तब्दील हो जाते हैं जिस से बरसात का पानी जमीन में समां जाता है और बरसात नियंत्रित हो जाती है। अधिकतर लोग सोचते हैं की बरसात आसमान से या धरती के नीचे से आती है यह गलत धरना है बरसात केवल और केवल हरियाली की देन है यदि हरियाली है तो बरसात है अन्यथा बरसात नहीं है जैसा हम अनेक स्थानो पर देख रहे अनेक सालो से वहां पानी गिरा ही नही है।

ऋषि खेती मरुस्थलों को हरियाली में तब्दील करने की योजना है।

हमारा आप से निवेदन है जब तक खेती में जमीन की जुताई बड़े पैमाने पर होती रहेगी हमारे वन ,स्थाई चरोखर और बाग़ बगीचे रोटी के खातिर मरुस्थल में तब्दील होते रहेंगे। इसलिए यदि सरकार बिना जुताई की खेती को बढ़ावा देती है तो ही हमारे पर्यावरण की सुरक्षा संभव है।

हमे आप से बहुत उम्मीद है इसलिए आपको यह पत्र लिख रहे हैं।
धन्यवाद                                             rajuktitus@gmail.com
राजू टाइटस
ऋषि खेती किसान
होशंगाबाद। म. प्र.
४६१००१  

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