रोजगार की समस्या
जंगली गेंहू उगाएं
जंगली गेंहू आठ गुना अधिक कीमत में माँगा जा रहा है।इन दिनों ओधोगिक मंदी की समस्या जोरों पर है। कल कारखानों से कामगारों को हटाया जा रहा है।काम नही है इसलिए रोजगार नही हैं। किन्तु अब जब से जंगली खेती का चलन शुरू हुआ है तब से खेतों में सोना पैदा होने लगा है। उदाहरण ठीक आपकी आँखों के सामने है। एक और जहां जुताई आधारित गेंहू जिसमे अनेक प्रकार के रसायन ,खाद और दवाओं का इस्तमाल हो रहा है। बेसुवाद और बीमारियां पैदा करने वाले हो गए हैं जिन्हे ग्राहक पसंद नहीं कर रहे हैं। विदेशों में इन उत्पादों को भेजने पर रोक लग गई है।
यही कारण है की अनेक लोग विदेशों से नौकरी छोड़ कर अपने गांवों में वापस आ रहे हैं और जंगली खेती अपना रहे हैं। जहां जुताई आधारित खेती करना बहुत कठिन और नुकसान दायक है वहीँ जंगली खेती सरल और बहुत लाभप्रद बन गई है जिसे कोई भी आसानी से कर सकता है।
जंगली गेंहू की फसल |
जंगली फसलों को पैदा करना बहुत आसान है जुताई करे बिना बीजों को सीधा फेंक दिया जाता है जरूरत पड़ने पर बीजों को क्ले मिटटी से कोटिंग कर फेंक देते हैं और ये अपने आप बरसात में अनेक खरपतवारों की तरह उनके साथ उग आते हैं। बेमौसम थोड़ी बहुत सिंचाई की जा सकती है।
जंगली फसलों में जुताई नहीं करने के कारण और खरपतवारोंकी मौजूदगी में असंख्य जीवजंतु कीड़े मकोड़े ,केंचुए ,चींटी और असंख्य आँखों से न दिखाई देने वाले सूक्ष्म जीवाणु पैदा हो जाते हैं जो खेत को कुदरती खाद से भर देते हैं जिसके कारण फसले भी पोषक तत्वों से भरी पैदा होती हैं। जो अनेक बिमारियों लिए दवाई का काम करती हैं। जंगली गेंहू की लकड़ी के चूल्हे पर बनी रोटी कैंसर की बीमारी को भी ठीक कर देती है। यही कारण है की यह गेंहू बहुत ऊँची कीमत में माँगा जा रहा है और इसने रोजगार के नए दरवाजे खोल दिए हैं।
2 comments:
बहुत बढ़िया जानकारी... बहुत बहुत आभार ये तो कई लोगो का जीवन बदलने वाली जानकारी हे और धरती माता को बचाने का आपका काम बहुत ही सराहनीय हे.....
This is an amazing and interesting blog which helps to undurstand natural farming.
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