सुबबूल के पेड़ों के साथ गेंहू की खेती और पशु पालन
जुताई ,यूरिया ,गोबर ,कीट और खरपतवार मारक जहर नहीं
सुबबूल एक दलहन जाती का पेड़ होता है।
जो अपनी छाया के छेत्र में लगातार कुदरती यूरिया (नत्रजन ) सप्लाई करने का काम करता है।
इसकी लकड़ी पेपर बनाने ,फर्नीचर बनाने और जलाऊ के काम आती है। इसका चारा बहुत पोस्टिक होता है।
इसके साथ गेंहू की बिना जुताई ,बिना खाद की खेती आसानी से हो जाती है। गेंहू और चावल की उत्पादकता और गुणवत्ता सबसे अधिक मिलती है।
यह पेड़ जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सूखा और बाढ़ का भी नियंत्रण करता है।
इसकी पत्तियों का हरा रस बीमारियों में दवाई के काम आता है। पत्तियों को बकरियां बड़े शौक से खाती हैं। एक एकड़ से फसलों के आलावा लकड़ियों और पशु पालन से अतिरिक्त
आमदनी मिलती
जलाऊ लकड़ियों का यह भण्डार है जितना काटो उतना तेजी से बढ़ता है। आज कल जलाऊ लकड़ी की गंभीर समस्या चल रही है। जिसका सबसे अधिक असर गरीब परिवारों पर पड़ रहा हम इसे बाजार कीमत पर बेचते हैं। जिस से यह काम समाज सेवा
बन जाता है।
हमने पाया है पशु पालन में बकरी पालन सबसे अधिक फायदे का है सुबबूल के सहारे हमारा बकरी पालन एक लाभप्रद ढांडा बन गया है। यह एटीएम जैसा है।
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