खरपतवारें बहुत उपयोगी हैं !
फुकुओका
खरपतवारों को मारते समय इन महत्वपूर्ण बिंदुओं को याद रखना उचित होगा।जैसे ही भूमि की जुताई करना बंद कर दिया जाता है, खरपतवार की मात्रा बहुत घट जाती हैं कहीं तो वो बहुत कम हो जाती हैं।
पिछली फसल को काटने के पूर्व ही यदि नई फसल के बीज बो दिए जायेंगे तो इस फसल के बीज खरपतवार के पहले अंकुरित हो जाएंगे।
धान और क्लोवर एक साथ पनप रहे हैं। |
इसी प्रकार गर्मी की खरपतवार गेंहूँ और सरसों की फसले कटने के बाद अंकुरित होती है, लेकिन उस समय तक अगली फसल काफी बढ़ चुकी होती है । बीजों की बोनी इस ढंग से करें कि दोनों फसलों के बीच के अंतर न रहे। इससे अनाज के बीजों को खरपतवार से पहले ही अंकुरित हो, बढ़ने का मौका मिल जाता है।
फसल कटनी के तुरंत बाद खेतों में पुआल/नरवाई आदि को फैला देने से खरपतवार का अंकुरण बीच में ही रुक जाता है। अनाज के साथ ही भूमि आवरण के रूप में सफेद क्लोवर भी बो देने से खरपतवार को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है।
खरपतवार की समस्या से निपटने का प्रचलित तरीका मिट्टी को जोतने। खोदने का है, लेकिन जब हम ऐसा करते हैं तो मिट्टी के भीतर गहरे बैठे हुए, वे बीज, जो वैसे अंकुरित नहीं हुए होते, सजग होकर अंकुरित हो उठते हैं। साथ ही तेजी से बढ़ने वाली किस्मों का इन परिस्थितियों में बढ़ने का बेहतर मौका मिल जाता है। अतः आप कह सकते हैं कि जो किसान जमीन की गहरी जुताई करके खरपतवार को काबू में लाने का प्रयत्न करता है, वह वास्तव में अपनी मुसीबत के बीज बो रहा होता है।
No comments:
Post a Comment